अपने पिता राजीव गांधी के हत्यारों की माफी पर अभी तक चुप्पी साधे हुए राहुल गांधी ने पहली बार कोई प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘मैंने आज ही कातिलों की रिहाई की खबर सुनी है। मैं सजा-ए-मौत के खिलाफ हूं। इस देश में जब प्रधानमंत्री को इंसाफ नहीं मिलता है तो फिर आम आदमी को कैसे मिलेगा?’
अमेठी में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि वह अपने पिता के हत्यारों को फांसी देने के पक्ष में कभी नहीं थे। लेकिन, उन्हें रिहा भी नहीं किया जाना चाहिए था।
राहुल ने तमिलनाडु सरकार के फैसले पर निराशा जताते हुए कहा, ‘मैं दुखी हूं कि हत्यारों को रिहा किया जा रहा है। मेरे पिता ने अपना हर वक्त जनता की सेवा करने में ही लगाया था।’
राहुल ने हत्यारों की रिहाई के फैसले को लेकर न्यायिक व्यवस्था पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री, जिन्होंने राष्ट्रहित में अपना बलिदान दे दिया, उन्हें न्याय नहीं मिल सकता तो फिर आम आदमी को कैसे न्याय मिलेगा।
राहुल ने भावुक भाषण देते हुए कहा, ‘मैं फांसी की सजा के पक्ष में कभी नहीं था। ऐसी सजा से मेरे पिता लौट कर नहीं आते, लेकिन यह मामला केवल मेरे पिता और परिवार का नहीं है। यह पूरे देश का मामला है।’