लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और गठबंधन बनाने-बिगाड़ने का वक्त आ गया है। और बिहार की राजनीति में उबाल लाने वाले लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान सारे समीकरण देख रहे हैं। पासवान ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी ने अब तक चुनावी गठबंधन पर फैसला नहीं कियाहै, क्योंकि कांग्रेस इसे लेकर गंभीर नहीं है और आरजेडी के साथ अवरोध कायम है। एलजेपी सुप्रीमो ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने गठबंधन पर फैसला करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही थी, इसलिए पार्टी के संसदीय दल ने विकल्पों पर गौर करना शुरू कर दिया और कुछ सदस्यों ने भाजपा से हाथ मिलाने की सलाह दी है। रामविलास पासवान का कहना है कि संसदीय दल के कुछ सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन करने पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा, “हमें मजबूत गठबंधन की जरूरत है, क्योंकि चुनाव करीब आ रहे हैं।” यह पूछने पर कि क्या भाजपा से हाथ मिलाने के लिए अपनी तैयारी दिखाकर उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर अपना रुख बदल दिया है, पासवान ने कहा, “मेरी पार्टी ने हमेशा इस मुद्दे पर स्टैंड रखने को लेकर नुकसान झेला है। हम धर्मनिरपेक्षता पर कोई समझौता नहीं करेंगे। जब स्टैंड लेने का वक्त आया था, मैं एनडीए से निकल गया था।” कयास लगाए जा रहे हैं कि एलजेपी 12 साल के बाद एनडीए में फिर शामिल होने के लिए अब यूपीए का साथ छोड़ सकती है, क्योंकि भाजपा ने बिहार में उन्हें लड़ने के लिए आठ सीटों का वादा किया है।