‘केजरीवाल के इस्तीफे से आप को होगा सीधा फायदा’

जनलोकपाल बिल पर अरविंद केजरीवाल के बृहस्पतिवार शाम के रुख की पृष्ठभूमि एक दिन पहले ही तैयार हो गई थी। पार्टी रणनीतिकारों की अहम बैठक में फैसला हो गया था कि बिल सदन में पेश करने में नाकाम रहने की सूरत में सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।

वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि सरकार का यह कदम पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में कारगर होगा।

बुधवार देर शाम पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक हुई। इसमें लोकसभा के उम्मीदवारों का नाम तय होना था, लेकिन ज्यादा समय जनलोकपाल और स्वराज बिल पर चर्चा में गुजर गया।

वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि सरकार के पास अपने बड़े वादों को पूरा करने का इकलौता जरिया विशेष सत्र ही है। आगे लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही आचार संहिता लग जाएगी। इससे सरकार के लिए नई योजना पर काम करना नामुमकिन होगा।

चर्चा इस पर भी हुई कि कांग्रेस-भाजपा बिल पेश नहीं करने देती तो जनलोकपाल बिल पर सरकार की सारी तैयारी धरी रह जाएगी।

इसलिए उन परिस्थितियों में दिल्ली सरकार को इस्तीफा दे देना लोक सभा चुनाव में पार्टी को सीधा फायदा देगा। पीएसी के इस फैसले पर सार्वजनिक तौर पर पार्टी के नेताओं ने कुछ भी नहीं कहा, लेकिन वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने इशारे-इशारे में ही पार्टी का रुख साफ कर दिया। मुख्यमंत्री के बयान के बाद गोपाल राय की राय पर मुहर लग गई।