विपक्षी दलों ने सरकार को संवेदनहीन करार देते हुए कहा है कि जनता बेहाल है और मंत्रियों-विधायकों को विदेश टूर के नाम पर मौज-मस्ती की सूझ रही है।
बेवक्त का यह विदेश दौरा सरकारी धन का दुरुपयोग है। सरकार ने दौरे के लिए एक करोड़ रुपये दिए हैं जबकि दो-दो लाख ये नेता खरीदारी के लिए अपनी जेब से खर्च करेंगे।
18 दिन के स्टडी टूर के दौरान मंत्री-विधायक इन देशों की संसदीय परंपराओं की जानकारी हासिल करेंगे, अप्रवासी भारतीयों से मिलेंगे।
लेकिन विडंबना यह है कि यह टूर ऐसे समय में हो रहा है जब मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के कैंप हटा दिए गए। वे इधर-उधर मारे-मारे फिर रहे हैं। ठंड से कई मासूमों की मौत हो गई।
पिछले कुछ सालों से स्टडी टूर हॉलीडे टूर में तब्दील हो गए हैं। जनता के पैसे से मौजमस्ती करना जायज नहीं है।
बसपा विधायक और विधानसभा में नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह तो वैसे ही जैसे रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था।
विदेशी टूर और सैफई महोत्सव में जश्न जनता के साथ क्रूर मजाक है। स्टडी टूर सैरसपाटा और फिजूलखर्ची हैं।