मोदी के एक तीर से ‘सबका’ पर हमला

भाजपा पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विकास का तीर चलाकर ‘सबका’ यानी सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। तर्कों के आधार पर जहां बेहतर करने की नसीहत दी वहीं गरीबी, बेरोजगारी और सुरक्षा का मुद्दा उठाकर लोगों का दर्द साझा किया।

पूरे भाषण में सुशासन पर जोर रहा। बदलती हवा का रुख बताकर यह संकेत भी दिया कि अब दलित और आदिवासी इलाकों में भी भाजपा की पैठ बन गई है। यूपी में बेरोजगारी और सुरक्षा पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि एक बेटा जब ट्रेन में बैठता है तो मां हर घंटे पर फोन करके पूछती है कि सुरक्षित हो, सामान तो गायब नहीं है।

बेटा कहता है सो जा मां सब कुछ ठीक है, लेकिन मां पूरी रात बार-बार बेटे का हालचाल जानने को परेशान रहती है और जब ट्रेन गुजरात की सीमा में प्रवेश करती है तो बेटा फोन कर कहता है कि मां ट्रेन अब गुजरात की सीमा में दाखिल हो गई है, तब मां कहती है कि बेटा अब मुझे कोई फिक्र नहीं है। मोदी ने कहा कि यह फर्क है यूपी और गुजरात में।

बसपा और कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक के खिसकने का जिक्र करते हुए कहा कि वोट बैंक के कुछ ठेकेदार दलित और आदिवासी को अपनी जेब में समझते थे। भाजपा को नसीहत देते थे कि उनका खाता नहीं खुलेगा, लेकिन वर्ष 2013 का चुनाव उनके लिए ट्रेलर था।

राजस्थान की 34 सीटें अनुसूचित जाति बहुल थीं और उसमें 32 सीटें हमने पाई, मध्यप्रदेश में 35 में से 28 सीटें आई। छत्तीसगढ़ में आदिवासी क्षेत्रों की 10 में से 9 सीटें पार्टी के खाते में आई जबकि कांग्रेस को एक सीटें हासिल हुई।

उन्होंने पांच और 12 रुपये में भोजन की बात उठाकर कांग्रेस पर निशाना साधा, साथ ही यह जताने की कोशिश की कि कांग्रेस गरीबों की हिमायती नहीं है बल्कि उसकी मंशा है कि लोग गरीब बने रहे।

मीलों सफर तय करके आई भीड़ को नरेंद्र भाई मोदी के बोलने की अदा खूब पसंद आई। मोदी भी पूरी रंगत में थे। हर मुद्दे पर उनका टोन बदलता रहा। कभी भावुक होकर नौजवानों की बेबसी का बात की तो विकास के मुद्दे पर मुलायम को बेहद चुटकीले अंदाज में नसीहत दी।

कांग्रेस को निशाने पर लिया तो तेवर आक्रामक हो गया और जब गुजरात के विकास का जिक्र किया तो एक चिंतक की भूमिका में नजर आए। मोदी के हर बदलते टोन पर भीड़ ने जमकर तालियां बजाई और एक सुर से मोदी…मोदी…मोदी की गूंज सुनाई पड़ने लगी। भीड़ की मंशा भाप मोदी भी अपनी बातों को बेहद रोचक अंदाज में पेश कर रहे थे।

बीच-बीच में लोगों से संवाद करना, अपने सवालों पर जनता की राय जानने की कोशिश और हाथ उठाकर लोगों की सहमति लेने के अंदाज को लोगों ने खूब सराहा। मोदी ने जब कहा कि शासक को देख चुके हैं, एक बार सेवक को चुनकर देखें, यकीन करें आप सबके जिंदगी की तस्वीर बदल कर रख देंगे, तब भीड़ से वी वांट मोदी…वी वांट मोदी के नारे लगने लगे।