बोतल से बाहर आया ऑपरेशन ब्लू स्टार का जिन्न
करीब 30 साल बाद एक बार फिर बोतल से बाहर आए ऑपरेशन ब्लू स्टार के जिन्न ने ब्रिटेन के साथ भारत में भी सियासी विवाद खड़ा कर दिया है।
वर्ष 1984 में हुए इस ऑपरेशन में तत्कालीन मारग्रेट थैचर सरकार की कथित सैन्य मदद की जहां ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने जांच के आदेश दिए हैं, वहीं भारत ने इस संबंध में ब्रिटेन से जानकारी मंगाने की बात कही है।
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब लेबर पार्टी के सांसद टॉम वाटसन और लॉर्ड इंद्रजीत सिंह ने गोपनीयता सूची से हटाए गए दस्तावेजों के आधार पर इस ऑपरेशन में ब्रिटेन की विशेष वायु सेवा (एसएएस) के शामिल होने का दावा किया। ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में चलाए गए सैन्य अभियान में करीब एक हजार लोग मारे गए थे।
ब्रिटेन में सोमवार को हुए इस खुलासे की लपटें अगले ही दिन यहां पहुंच गई। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि फिलहाल इस बारे में महज मीडिया रिपोर्टों के आधार पर ही जानकारी मिल रही है। इसलिए इस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती।
विदेश मंत्रालय इस बारे में ब्रिटिश विदेश मंत्रालय से जानकारी मांगेगा। इसके बाद ही कोई प्रतिक्रिया दी जाएगी। ऑपरेशन ब्लू स्टार पर नए सिरे से विवाद तब छिड़ा जब ब्रिटेन के लेबर पार्टी के दो सांसदों ने दावा किया कि उस दौरान तत्कालीन थैचर सरकार ने भारत सरकार को सैन्य मदद दी थी।
दोनों सांसदों का दावा है कि गोपनीयता सूची से हटाए गए दस्तावेजों का अध्ययन करने पर उन्हें पता चला कि उस दौरान थैचर सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में भारत को सैन्य मदद दी थी। ब्रिटेन में 30 साल की अवधि के बाद गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किए जाने का प्रावधान है।
क्या है खुलासा
लेबर पार्टी के सांसदों का दावा है कि स्वर्ण मंदिर से सिख चरमपंथियों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू करने से पहले भारत ने ब्रिटेन से सलाह ली थी। ऑपरेशन शुरू करने से चार महीने पहले भारत ने 23 फरवरी 1984 को ब्रिटिश सरकार की सलाह मांगी थी।
सकारात्मक रुख अपनाते हुए ब्रिटिश सरकार ने विशेष वायु सेवा (एसएएस) के एक अधिकारी को भारत भेजा। उक्त अधिकारी ने ऑपरेशन का खाका तैयार किया, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वीकार कर लिया। इस दौरान ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने ऑपरेशन को अंजाम देने पर अपनी सहमति दी।
सिख संगठनों ने बनाया दबाव
इस खुलासे के बाद ब्रिटेन में सिख संगठनों ने कैमरन सरकार पर ऑपरेशन ब्लू स्टार की जांच के लिए स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।
नेटवर्क ऑफ सिख आर्गेनाईजेशंस के निदेशक लार्ड सिंह ने कहा कि इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई के लिए भारत ने महीनों पहले रणनीति तैयार कर ली थी।