बढ़ सकती हैं कानून मंत्री की मुश्किलें

दिल्ली में बुधवार की रात विदेशी युवतियों से अभद्र व्यवहार मामले में दिल्ली के कानून मंत्री व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

अदालत ने युगांडा निवासी युवती की शिकायत पर मालवीय नगर थाना पुलिस को छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी देने व दंगा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

हालांकि शिकायत में किसी का भी नाम नहीं दिया गया। लेकिन पीड़िता ने टीवी चैनल में दिखाए गए कार्यक्रम में आरोपियों को पहचानने का दावा किया है।

पटियाला हाउस स्थित मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चेतना सिंह ने बचाव पक्ष के तर्क सुनने के बाद कहा कि किसी भी व्यक्ति को मात्र संदेह के आधार पर महिला की अस्मत से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसे हादसों से विदेशों में भारत की छवि खराब होती है।

इस मामले में अदालत ने पुलिस को आईपीसी की धारा 451, 427, 147, 506 व 354/34 के तहत (जबरन घर में घुसने, नुकसान पहुंचाने, दंगा करने, जान से मारने की धमकी देने व छेड़छाड़ करने) मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। अदालत ने पुलिस को 14 फरवरी तक जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

इससे पूर्व याची युवती के अधिवक्ता राकेश सहरावत व तेजवीर सिंह ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किला युगांडा से इलाज कराने दिसंबर में आई थीं। उसने खिड़की एक्सटेंशन में किराए पर फ्लैट लिया। बृहस्पतिवार को रात को काफी लोग जबरन उसके फ्लैट में घुस आए व उसे धमकाने लगे। उन लोगों ने उसे गालियां देनी शुरू कर दी और उस पर वेश्यावृत्ति करने और ड्रग्स बेचने का आरोप लगाया।

अधिवक्ता ने कहा कि उनकी मुवक्किला ने उन्हें वापसी का टिकट भी दिखाया लेकिन वे नहीं माने व जबरन उसके बैग की तलाशी ली व तोड़फोड़ की। वे उसे खींच कर बाहर ले गए। वहां उसने देखा कि उसकी सहेलियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा उनकी मुवक्किला को काफी प्रयास से पुलिस ने बचाया। लेकिन शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा उनकी मुवक्किला ने रात को टीवी पर पूरे घटनाक्रम की विडियो देखी। उसने वीडियों में उन सभी लोगों को पहचान भी लिया है। उन्होंने कहा यदि पुलिस समय पर न पहुंचती तो उनकी मुवक्किला के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती थी।