बाबरी की तस्वीरें दिखाकर भड़का रहे आतंकी
आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन बाबरी ढांचे को गिराने और 2002 के गुजरात दंगों की तस्वीरें और वीडियो दिखाकर नौजवानों को देश के अलग-अलग हिस्से में बम रखने के लिए कह रहा है।
एनआईए के ट्रेनिंग प्रोग्राम में इससे जुड़ी जानकारी साझा की गई है। यह फॉर्मूला खास तौर से झारखंड में अपनाया जा रहा है। और ऐसा मालूम देता है कि वह अपनी रणनीति में कुछ हद कामयाब भी रहे हैं, जहां पिछले 13 साल में 15 से ज्यादा लोगों को आतंकवादी बनाया गया है।
इनमें से ज्यादातर आतंकवादी गिरफ्तार कर लिए गए हैं, लेकिन एनआईए को अभी भी चार लोगों की तलाश है जिनसे जुड़ी जानकारी देने पर पांच लाख रुपए का इनाम रखा गया है।
एनआईए के ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उनके एजेंट धार्मिक नौजवानों को चुनते हैं और उनके दिमाग में उल्टी-सीधी बातें भरकर मुस्लिमों की मौत का बदला लेने के लिए धमाके करने के लिए प्रेरित करते हैं।”
मासिक तनख्वाह पाते हैं हिज्बुल के आतंकी
एनआईए ने दिल्ली की एक अदालत के सामने दर्ज चार्जशीट में इस बात का खुलासा किया कि हिज्बुल मुजाहिदीन जैसा आतंकवादी संगठन अपने आतंकियों को मासिक तनख्वाह देता है।
1990 की तुलना में 2011 में इन आतंकियों की तनख्वाह में पांच गुना इजाफा हो चुका है।
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सय्यद सलाहुद्दीन और नौ अन्य सदस्यों को भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से 80 करोड़ रुपए मिले।