दिल्‍ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की सम्भावना!

त्रिशंकु नतीजे के बाद सरकार बनने की उम्मीदों की तरफ देख रही दिल्ली को आज एक और राहत मिली। दिल्ली विधानसभा भंग न करने का फैसला हुआ है।

इसका मतलब यह हुआ कि आम आदमी पार्टी ने उप-राज्यपाल से सरकार बनाने से पहले जो कुछ दिनों का वक्त मांगा है, वह उन्हें मिल जाएगा। अगर विधानसभा भंग होती, तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग जाता है।

लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हुआ है। अगर जल्द ही कोई भी दल या गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब नहीं होता, तो राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे त्रिशंकु रहे हैं।

राजधानी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भाजपा उभरी, जिसकी 32 सीटें हैं। लेकिन सबसे जोरदार प्रदर्शन रहा आम आदमी पार्टी का, जो अपने पहले ही चुनाव में 28 सीटों तक पहुंचने का कारनामा कर गई। कांग्रेस तीसरे पायदान पर आ गई और ‌उसे सिर्फ 8 सीटें मिलीं।

भाजपा सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है। उसका कहना है कि उसे सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिला है और वह विपक्ष में बैठेगी।

दूसरी नंबर पर खड़ी आम आदमी पार्टी भी शुरुआत में विपक्ष में बैठने की बात कर रही थी, लेकिन शनिवार को उसने रुख कुछ बदला। उप-राज्यपाल से मुलाकात में सरकार बनाने के‌ लिए अरविंद केजरीवाल ने वक्त मांगा और भाजपा-कांग्रेस को चिट्ठी लिखकर 18 सवाल उठाए।