दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस को डबल झटका देने वाली अलका लांबा ने आज पार्टी छोड़कर AAP का दामन थामा, तो राहुल गांधी तक को खरी-खरी सुना गईं।
कांग्रेस का साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला करने वाली नेता अलका लांबा ने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस को जमकर कोसा।
‘मिलने की कोशिश, लेकिन कामयाबी नहीं’
टीवी चैनल से बातचीत में अलका ने कहा, “मेरे लिए देश सबसे पहले है, देश की जनता सबसे पहले है। लेकिन इस बात का अफसोस रहेगा कि पिछले 15 साल मैं कांग्रेस के लिए काम करती रही, जबकि मुझे उसे देश के लिए खर्च करना चाहिए था।”
अलका ने कहा कि कांग्रेस में जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जरा अहमियत नहीं दी गई और उनकी बात तक सुनने वाला कोई नहीं था।
उन्होंने कहा, “मैंने कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की। पिछले तीन साल से मैं यहीं कर रही थी। कई चिट्ठी भी लिखीं, लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया।”
इसकी वजह पूछने पर अलका ने कहा, “शायद यह सत्ता का नशा है। दिल्ली में हम 15 साल सत्ता में रहे और देश पर राज करते हुए 10 साल गुजर चुके हैं, ऐसे में शायद इन बातों पर ध्यान देने का हमें होश ही नहीं रहा।”
‘केजरीवाल से बहुत उम्मीदें हैं’
आम आदमी पार्टी और दिल्ली के नए सीएम केजरीवाल के बारे में उन्होंने कहा, “मुझे केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से काफी उम्मीदें हैं। जो लोग ईमानदारी से लड़ना चाहते हैं, उन्हें आम आदमी पार्टी ने मौका दिया है। और मैं उससे जुड़कर काफी खुश हूं। मैंने पूरी तैयारी के बाद कांग्रेस छोड़ने और आप से जुड़ने का फैसला लिया है।”
विधानसभा चुनावों में हार के बाद राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया है कि पार्टी में बुनियादी तौर पर बदलाव किए जाएंगे, ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़कर जाने का जो फैसला किया, उसे मौकापरस्ती नहीं माना जाएगा।
इसके जवाब में अलका ने कहा, “राहुल गांधी ने कहा है कि बदलाव आएंगे, लेकिन उनकी कथनी-करनी में बहुत फर्क है। अगर फर्क दिखेगा, तो देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाएगा। मुझे भी उम्मीद थी कि जयपुर अधिवेशन के बाद ऐसा कुछ देखने को मिलेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तीन साल में कभी राहुल ने मुझे मिलने का वक्त तक नहीं दिया।”