भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन में बिहार में 2005 में बनी सरकार के 8 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सरकार उपलब्धियाँ गिनायी और एक रंगीन पुस्तिका – रिपोर्ट कार्ड पेश किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा को श्रेय देने वाले संदर्भो को सिरे से नजरअंदाज करते हुए सिर्फ अपनी सरकार की उपलब्घियां गिनाई और कहा कि वह बिहारवासियों को सुखी बनाए रखने का सतत अभियान बिना किसी भेदभाव के जारी रखेंगे। यह पहला मौका था जब जदयू ने अपनी सरकार की सालाना उपलब्घियों का रिपोर्ट कार्ड भाजपा को बिना कोई श्रेय दिए पेश किया।
रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए नीतीश भाजपा से संबंधित सवालों को टालते रहे, उन्होंने कहा कि क्रेडिट का कोई सवाल ही नहीं उठता। वे लोग बिहार के बाहर के फैक्टर को लेकर हावी होने लगे तो अलग होना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे लोग भ्रम का बादल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर नीतीश भाजपा के आरोपों को लेकर आक्रामक दिखे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आतंकवाद को अलग चश्मे से देखने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और जांच की प्रक्रिया में पुलिस ने अहम भूमिका निभाई।
नीतीश सरकार ने गिनायी उपलब्धियाँ, कमियों को किया नजरअंदाज
मुख्यमंत्री ने बिहार के विकास की योजना आकार बढ़कर 34 हजार करोड़ हो गया जो विकास के बढ़ते कदम का प्रतीक है। बिहार का वार्षिक वृद्धि दर प्रचलित मूल्यों पर 24.96 प्रतिशत तथा स्थिर मूल्यों पर 14.48 प्रतिशत है। यह पूरे देश में सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि बिजली उत्पादन में लगातार सुधार हुआ है और अभी 2300 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। रिपोर्ट कार्ड में दावे किए गए हैं कि 11 जिलों में 3662.2 करोड़ रूपए की योजनाओं का कार्य शुरू किया गया है। रिपोर्ट कार्ड में शिक्षा क्षेत्र में सरकार के कार्यक्रमों की विस्तारित जानकारी दी गई है। शिक्षा पर बजट का तेईस फीसदी खर्च सरकार कर रही है। सभी प्रखंडों में एक प्लस टू स्कूल की स्थापना सरकार करने पर डटी हुई है। एक से दस तक की कक्षा की छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए 1120 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। छात्रवृत्ति का लाभ संस्कृत तथा मदरसा क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी मिलेगा।
सरकार के रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि कृषि रोडमैप के क्रियान्वन के बाद फसलों का उत्पादन बढ़ा है। किसानों को डीजल अनुदान के तहत 769 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए, हरियाली मिशन बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के कारण बिहार में 191 इकाइयां लगीं। सरकार आंंगनबाड़ी, मनरेगा जैसी केन्द्रीय सहायता वाली योजनाओं की राशि मिलने में देरी होने पर अपने स्तर से करोड़ों की राशि अग्रिम रूप से खर्च कर देती है। मुयमंत्री के अनुसार इंदिरा आवास योजना में सरकार नौ सौ करोड़ के केन्द्रांश की राशि लगा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए सरकार की ढेरों उपलब्घियां तो गिनाई पर भाजपा के मंत्रियों को हटाए जाने के बाद खाली पड़े विभागों की जिम्मेदारी का दबाव होने की बात टाल दी। सीएम के पास अभी 18 विभाग हैं। उन्होंने कहा कि समय आने पर मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा।