लोकप्रियता हासिल करने के चक्‍कर में नप गए जौली

भाजपा के पूर्व विधायक विजय जौली शुरू से ही लोकप्रियता हासिल करने के लिए कुछ न कुछ अजूबा करने का शौंक रखते है।

कभी महंगाई के खिलाफ प्याज की टोकरी लेकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर पहुंच जाते है तो कभी सब्जियों की माला पहनकर सड़कों पर सब्जियां बेचने लगते है। कई बार वे गुलाब का फूल लेकर भी विपक्षी पार्टी के घर पहुंच जाते है। इसी सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में जौली बृहस्पतिवार को कुछ अनोखा करने और पार्टी लाइन से हटकर चलने के चक्कर में उलझ गए।

विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से हताश और निराश विजय जौली का गुस्सा उलटा पड़ गया। जौली गए तो थे महिला सुरक्षा और अधिकारी की मांग को लेकर तहलका की मैनेजिंग एडिटर के घर। लेकिन कुछ हटकर काम करने की आदत और अपने जोश-उत्साह के कारण खुद ही उलझ गए। पार्टी ने भी उनसे कन्नी काट ली है।

दिलचस्प बात यह भी है कि लोकसभा नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज बृहस्पतिवार को ही महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली भाजपा का एजेंडा पेश कर रही थी। महिला सुरक्षा को लेकर सुषमा ने महिला कमांडो फोर्स का गठन करने का एजेंडा पेश किया। लेकिन उन्हीं के कार्यकर्ताओं ने विजय जौली के नेतृत्व में एक महिला पत्रकार के घर जाकर दरवाजे के सामने कालिख पोतने का काम किया।

इस मुद्दे को लेकर दिल्ली की राजनीति भी गरमा गई है। प्रदेश कार्यकर्ताओं में चुनाव के कुछ दिन पहले इस तरह के काम से निराशा का माहौल है।

आखिर क्यों पार्टी लाइन से हटकर जौली ने ऐसा किया
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि आखिर विजय जौली ने ऐसा क्यों किया। उन्होंने सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से जब इस संबंध में मशवरा लिया और उनकी योजना को दोनों नेताओं ने खारिज कर दिया, बावजूद ऐसा करने की गलती क्यों की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसमें भाजपा के ही दो बड़े नेताओं की भी शह उन्हें मिल रही है। क्योंकि जब सुषमा महिला अधिकार की बात करने वाली थी और उन्हीं की पार्टी के नेता द्वारा एक महिला के घर प्रदर्शन करना कई प्रश्न खड़ा करता है। हालांकि जौली की इस हरकत से पार्टी के ज्यादातर नेता सहमत नहीं है।

कहीं यह सुनियोजित कार्यक्रम तो नहीं था
बताया जा रहा है कि जौली साकेत क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में गए थे और मीडिया की भीड़ देखकर उन्होंने ऐसी हरकत की। वहीं पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने जो बयान जारी किया है उससे सवाल उठता है कि इस घटना को सुनियोजित तरीके से तो अंजाम नहीं दिया गया। सुषमा ने भरी प्रैस कांफ्रेंस में माना है कि जौली ने उनसे ऐसा करने की राय मांगी थी। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था। यदि ऐसा तो कैसे कहा जा सकता है कि जौली अचानक शौमा चौधरी के घर पंहचे व इस घटना को अंजाम दिया।

दिल्ली भाजपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी डॉ. हर्षवर्धन-विजय जौली ने गलत किया है। इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। पार्टी आलाकमान इस पर फैसला लेगी। नितिन गडकरी ने कहा है कि विजय जौली से बात करके कारवाई की जाएगी।