देश के महत्वाकांक्षी मंगल अभियान के लिए आंध प्रदेश के श्रीहरिकोटा में रविवार सुबह छह बजकर आठ मिनट पर उल्टी गिनती शुरू हो गई।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने बताया कि ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी25 के लिए 56.30 घंटों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
उन्होंने बताया कि प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड से एक नवंबर को हरी झंडी मिलने के बाद उल्टी गिनती से पहले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं।
मंगलवार को दोपहर बाद दो बजकर 38 मिनट पर इस मिशन को रवाना किया जाएगा।
माना जा रहा है कि उड़ान भरने के बाद राकेट को पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह को छोड़ने में करीब 40 मिनट का समय लगेगा।
इसरो के सूत्रों ने बताया कि राकेट यान पर नजर रखने के लिए पोर्ट ब्लेयर, बंगलूरू के नजदीक बायलालू, ब्रुनेई और दक्षिणी प्रशांत महासागर में शिपिंग कारपोरेशन आफ इडिया के जहाजों एससीआई नालंदा और एसतीआई यमुना को केंद्र बनाया गया है।
संभावित उड़ान को देखते हुए इन्हें भी अलर्ट कर दिया गया है। लांच किए जाने के बाद उपग्रह के 20 से 25 दिनों तक धरती की कक्षा में घूमने और फिर नौ महीने की यात्रा करने के बाद 24 सितंबर 2014 को लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने की संभावना है।
अगर भारत इस 450 करोड़ रुपए की परियोजना में सफल हो जाता है तो यह ऐसा करने वाला अमेरिका, रूस और यूरोप के बाद चौथा देश होगा।
यूरोपीय संघ की यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी, अमेरिकी एजेंसी नासा और रूस की रॉसकोसमॉस ऐसा करने में सफल हो चुकी है। अभी तक मंगल पर 51 मिशन भेजे गए हैं जिनमें से केवल 21 सफल हुए हैं।