पीड़िता ने की FIR की पुष्टि, तेजपाल की गिरफ्तारी कभी भी
पुड्डुचेरी की अदालत ने साल 2004 के बहुचर्चित शंकररामन हत्याकांड मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में कांचीमठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और विजयेंद्र मुख्य आरोपी थे।
पुड्डुचेरी के मुख्य जिला और सत्र अदालत के जज सीएस मुरुगन नौ साल के इंतजार के बाद ये फैसला सुनाया है।
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट में उनके मुवक्किलों के खिलाफ जो गवाह पेश किए गए वो गुनाह को साबित नहीं कर सके।
क्या है पूरा मामला?
तमिलनाडु के कांचीपुरम के वरदराजपेरामल मंदिर के मैनेजर रहे शंकररामन की 3 सितंबर 2004 को हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में कुल 24 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें एक मौत हो चुकी है। इन 23 लोगों पर आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के खिलाफ मामला चल रहा है, जिसमें 120-बी आपराधिक साजिश और और 120-बी शामिल है।
जयेंद्र सरस्वती और विजयेंद्र सरस्वती को इस मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया था।
कांचीमठ के एक और मैनेजर सुंदरसन और जयेंद्र सरस्वती के भाई रघु को भी सह-आरोपी बनाया गया था।
इनमें छह लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 हत्या, 120-बी और 109 के तहत मामला चल रहा था। 24 आरोपियों में से एक काथिरवन की चेन्नई के केके नगर में इसी साल मार्च में हत्या कर दी गई।
2009 से लेकर 2012 तक चले इस हत्याकांड के ट्रायल में 189 लोगों से पूछताछ की गई है, जिसमें से 83 अपने बयान से मुकर गए।