मौलाना तौकीर रजा खान से राजनीतिक सहयोग मांगने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमले और तेज हो गए हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बाद अब निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी केजरीवाल की आलोचना की है।
तसलीमा केजरीवाल पर तीखे प्रहार कर रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘एक राजनेता ऐसे कट्टपंथी से मिलने जाता है, जिसने मेरा सिर काटने पर इनाम घोषित किया था, यह जानते हुए भी की यह असंवैधानिक है।’
उन्होंने कहा कि वो हैरान हैं कि नेता, मौलाना के पास क्यों जाते हैं। अगर उन्हें मुसलमानों का समर्थन चाहिए तो वो आम मुसलमानों से जाकर मिलें। मौलानाओं के पास जाने वाले नेता ही मुसलमानों के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार हैं।
तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्होंने साल 2007 में इस्लाम विरोधी गतिविधियों के लिए तस्लीमा नसरीन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के खिलाफ फतवा जारी किया था। वह बरेली में भड़के दंगों के आरोपी हैं।
साप्रदायिक कार्ड खेलने का आरोप
केजरीवाल ने एक नवंबर को बरेली में आईएमसी मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां से दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए कहा था।
इसके बाद से ही अरविंद केजरीवाल पर सवालों की झड़ी लग गई। उन पर वोटों के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगा। भाजपा ने केजरीवाल पर हमला करता हुए उन पर सांप्रदायिक कार्ड खेलने का आरोप लगाया।
वहीं, कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को पहले की तरह भाजपा की ‘बी’ टीम बताया। ‘आप’ प्रमुख केजरीवाल ने तौकीर रजा से मुलकात पर सफाई देते हुए कहा कि वह एक धार्मिक यात्रा पर बरेली गए थे और मौलाना से इसलिए मिले थे क्योंकि वह शहर के एक सम्मानित व्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे तौकीर के बारे में पता नहीं था।