मंगलयान की सफलता को लेकर मनाई जा रही खुशी के बीच इस मिशन पर 450 से 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाने को लेकर इसकी आलोचना भी की जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा कि यह मिशन गरीबों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है।
उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि जिस भारत में 23 करोड़ लोग हर रात भूखे सोते हों, करोड़ों लोगों तक मौलिक सुविधाएं भी न हों, वहां के लिए यह मिशन गैरजरूरी और फिजूलखर्ची है। मंगल मिशन पर खर्च से पता चलता है कि गरीब लोगों के सम्मान को किस तरह से नजरअंदाज किया जाता है।”
इस मिशन की इसरो के पूर्व प्रमुख माधवन नायर भी आलोचना कर चुके हैं। सोमवार को उन्होंने कहा था कि मंगल पर आप मीथेन के बारे में पता लगाना भी चाहते हैं तो भी आप एक छोटे से सेंसर से इसका पता नहीं लगा सकते। नासा ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि मंगल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। इसके बावजूद कुछ लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं… वे राष्ट्र को मूर्ख बना रहे हैं।