आरुषि मर्डरः तलवार दंपति दोषी करार, सजा कल
देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज हत्याकांड में आखिरकार फैसला आ गया। दोहरे हत्याकांड के इस मामले में गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को अपना निर्णय सुनाया।
अदालत ने आरुषि के माता-पिता नूपुर और राजेश तलवार को दोषी ठहराया। लगभग साढ़े पांच साल तक रहस्य बने रहने वाला यह मामला 15-16 मई, 2008 की दरम्यानी रात का है।
नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट संख्या एल-32 में हुई थी। इस सनसनीखेज वारदात का सच जानने के लिए देश-विदेश के लोगों की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी रहीं।
अदालत में कड़े सुरक्षा इंतजामात
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किए थे। इस दोहरे हत्याकांड में आरुषि के पिता राजेश तलवार और मां नूपुर तलवार मुख्य आरोपी थे।
नामचीन डेंटिस्ट राजेश और नूपुर तलवार की इकलौती बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के इस मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, लेकिन कोर्ट ने जांच एजेंसी को मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया।
25 मई 2012 को राजेश व उनकी पत्नी नूपुर तलवार पर हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप तय किए गए। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 39 तो डिफेंस की ओर से 7 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। अभियोजन और डिफेंस की जिरह पूरी होने के बाद 12 नवंबर 2013 को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
रिटायर होने वाले हैं जस्टिस एस. लाल
आरुषि-हेमराज मर्डर केस सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस. लाल के लिए भी अहम है। इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाने के बाद न्यायाधीश लाल इसी माह की 30 तारीख को रिटायर हो रहे हैं।
संभवत: यह उनके कार्यकाल का अंतिम फैसला होगा। हालांकि निठारी के एक मामले में भी फाइनल बहस पूरी हो चुकी है।
सीबीआई का अंतिम काउंटर
मर्डर मिस्ट्री में सीबीआई का अंतिम काउंटर भी खासा महत्वपूर्ण है। सीबीआई लोक अभियोजक बीके सिंह ने अपने इस काउंटर में कहा था कि ‘घर में चार व्यक्ति थे।
इनमें से दो की मौत हो गई। घर में न कोई बाहर से आया और न ही गया। ऐसे में साफ है कि तलवार दंपति ने ही दोनों की हत्या की है।’
सुरक्षा के होंगे कडे़ इंतजाम
कोर्ट परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई। प्रत्येक प्वाइंट पर सघन चेकिंग हुई। पुलिस ने फैसले के दौरान बाहरी लोगों का कोर्ट में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था।