आरुषि-हेमराज हत्याकांड में दोषी ठहराए गए नूपुर और राजेश तलवार को मंगलवार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने सीबीआई की फांसी की मांग को ठुकराते हुए इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानने से इनकार कर दिया।
जस्टिस एस लाल के आदेश के मुताबिक भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत राजेश और नूपुर को ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
इसके अलावा धारा 201 के तहत दोनों पांच-पांच साल कैद की सजा हुई। साथ ही धारा 203 के तहत राजेश तलवार को एक साल की सजा भी हुई। तलवार दंपति पर 17-17 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है।
तलवार परिवार के नौकर के वकील ने अदालत के बाहर संवाददातों को यह जानकारी दी। यह पूछने पर कि फैसले पर तलवार दंपति की क्या प्रतिक्रिया थी, उन्होंने बताया, “उन दोनों के चेहरे पर पछतावा साफ नजर आ रहा था।”
सीबीआई ने अदालत के फैसले पर संतुष्टि जताई है। फैसला सुनाए जाने से पहले सजा पर बहस हुई। अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें सामने रखीं।
सीबीआई के वकील ने इस मामले में सजा-ए-मौत देने की मांग करते हुए कहा कि यह मामला ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ में आता है। दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील ने इस मामले में कम से कम सजा देने की गुहार लगाई। हालांकि कोर्ट ने सीबीआई की फांसी की मांग को ठुकरा दिया।
इससे पहले आरुषि की मां नूपुर तलवार का ब्लड प्रेशर मंगलवार सवेरे बढ़ गया। उन्हें डॉक्टरों ने तीन घंटे आराम करने की सलाह दी है।
अदालत ने सोमवार को राजेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201, 34 और 203 के तहत गुनहगार ठहराया, जबकि नूपुर को आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत दोषी पाया है।
फैसले से निराश्ा तलवार दंपति
फैसले के बाद तलवार दंपति ने एक बयान जारी कर कहा था, “हम ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने पर बेहद निराश, दुखी और हताश हैं, जो हमने नहीं किया। लेकिन हम हार नहीं मानेंगे और न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।”
सोमवार को अदालत में मौजूद वकीलों ने बताया कि निर्णय सुनाए जाने के बाद तलवार दंपति रो पड़े। साथ ही अदालत में मौजूद उनके रिश्तेदार भी बिलख पड़े।
रिश्तेदारों ने बताया कि राजेश तलवार ने उनसे कहा, “लड़ाई आगे भी जारी रखनी है। हार नहीं माननी।”
राजेश और नूपुर को डासना जेल भेजा गया था, जहां रात में भोजन करते वक्त दोनों एक बार फिर रोए। ऐसा भी बताया जा रहा है कि दोनों रात भर नहीं सोए।
हेमराज की पत्नी ने फैसले पर खुशी जताई है। लगभग साढ़े पांच साल तक रहस्य बने रहने वाला यह मामला 15-16 मई, 2008 की दरम्यानी रात का है।
नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट संख्या एल-32 में हुई थी। इस सनसनीखेज वारदात का सच जानने के लिए देश-विदेश के लोगों की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी रहीं।
अदालत में थी कड़ी सुरक्षा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किए थे। नामचीन डेंटिस्ट राजेश और नूपुर तलवार की इकलौती बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के इस मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, लेकिन कोर्ट ने जांच एजेंसी को मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया।
25 मई 2012 को राजेश व उनकी पत्नी नूपुर तलवार पर हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप तय किए गए। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 39 तो डिफेंस की ओर से 7 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। अभियोजन और डिफेंस की जिरह पूरी होने के बाद 12 नवंबर 2013 को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
रिटायर होने वाले हैं जस्टिस एस. लाल
आरुषि-हेमराज मर्डर केस सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस. लाल के लिए भी अहम है। इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाने के बाद न्यायाधीश लाल इसी माह की 30 तारीख को रिटायर हो रहे हैं।
संभवत: यह उनके कार्यकाल का अंतिम फैसला होगा। हालांकि, निठारी के एक मामले में भी फाइनल बहस पूरी हो चुकी है।