श्रीनगर -सेना ने एलओसी पर केरन सेक्टर के शालबट्टू इलाके में कारगिल के बाद अब तक के सबसे लंबे सैन्य अभियान को मंगलवार को सफलतापूर्वक समाप्त घोषित कर दिया। सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल संजीव चाचरा ने कहा कि घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने और घुसपैठ की कोशिशों के लिए पाकिस्तानी सेना ही जिम्मेदार है। उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले दिनों में ऐसी और नापाक कोशिशें हो सकती हैं।
सेना की 15 कोर के मुख्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत में उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि हमने मंगलवार सुबह सभी संबंधित कमांडरों को निर्देश दिया है कि वह केरन में जारी अभियान को रोक लें। यहां बीते एक पखवाड़े के दौरान सात घुसपैठिये मारे गए हैं। सेना घुसपैठियों से बरामद हथियारों का जखीरा सोमवार को ही पत्रकारों को दिखा चुकी है। उन्होंने कहा कि शालबट्टू में जो हुआ वह घुसपैठ का एक प्रयास था। बीते एक पखवाड़े के दौरान घुसपैठ के कई प्रयास हुए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल चाचरा ने शालबट्टू इलाके में किसी भी सैन्य चौकी पर पाकिस्तानी घुसैठियों के कब्जे से पूरी तरह इन्कार किया। उन्होंने कहा कि एलओसी पर स्थिति हमारे नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि घुसपैठ के इस प्रयास में पाकिस्तान सेना का हाथ होने से इन्कार करना अत्यंत हास्यास्पद होगा। शालबट्टू में 30 से 40 आतंकियों की घुसपैठ के बाद भी वहां से किसी आतंकी का शव न मिलने की तरफ ध्यान दिलाए जाने पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मारे गए घुसपैठियों के शव उनके साथी वापस गुलाम कश्मीर ले गए हों।
लेफ्टिनेंट जनरल चाचरा ने कहा कि अब हम पूरे इलाके में अपने सिक्योरिटी ग्रिड को और ज्यादा मजबूत बनाते हुए जवानों की तैनाती की पुनर्समीक्षा कर रहे हैं।
बालाकोट में घुसपैठ का प्रयास नाकामराजौरी। सोमवार को देर रात पुंछ जिले की मेंढर तहसील के बालाकोट सेक्टर में सीमा पार से करीब दस आतंकी भारतीय सीमा के बेहद नजदीक पहुंच चुके थे।
आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करवाने के लिए पाक सेना ने भारतीय क्षेत्र में जमकर गोलीबारी की। पाकिस्तानी सेना की मंशा को पहले से भांप चुके भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस पर अंधेरे का लाभ उठाकर आतंकी वापस गुलाम कश्मीर भाग गए।