ब्रेस्ट कैंसर अब महिलाओं के लिए बड़ा खतरा नहीं होगा क्योंकि इसका इलाज अब महज 15 मिनट में संभव है। डॉक्टरों ने बिना मास्टोकॉमी के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज लेजर तकनीक से करने पर विचार कर रहे हैं।
अगर यह तकनीक पूरी तरह सफल होती है तो इसमें कैंसर के इलाज के दौरान होने वाले किसी साइड एफेक्ट का रिस्क नहीं होगा और समय भी कम लगेगा।
डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार ब्रेस्ट ब्रिटेन में कैंसर की मरीज फियोना फिशर के इलाज के दौरान डॉक्टरों ने इस तकनीक की मदद ली है। फियोना समेत चार मरीजों पर पहली बार डॉक्टरों ने इस तकनीक का प्रयोग किया है।
इस बारे में फियोना ने डेली मेल को बताया, ”यह पूरी प्रक्रिया कैंसर की जांट यानी बायोप्सी की प्रक्रिया से भी सरल और कम समय लेने वाली थी।”
लेजर किरणों से कैंसर के उपचार की यह थेरेपी फोटोडायनमिक थेरेपी है जिसे 25 साल पहले खोजा जा चुका है और कुछ विशेष प्रकार के कैंसर के उपचार में इसका इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन यह मामला अब तक का पहला सफल मामला है।
इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को 48 घंटों तक अंधेरे कमरे में रखा गया और कैंसर की कोशिकाओं को लेजर किरण की मदद से नष्ट किया गया। रॉयल फ्री अस्पताल के ब्रेस्ट सर्जन प्रो। मोहम्मद केश्तगर के अनुसार, ”इस तकनीकी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सेहतमंद कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होगा।’