भारतीय जवानों द्वारा मुंहतोड़ जवाब देने के बाद शनिवार को पाकिस्तानी मोर्टार और लाइट मशीनगनें देर शाम तक खामोश हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरहद और नियंत्रण रेखा के उस पार पाक सैनिकों और बार्डर एक्शन टीम के जवानों के साथ-साथ आतंकियों की बड़ी खेप तैयार बैठी है। वे दीपावली से पहले घुसपैठ और बड़े हमले की फिराक में हैं।
आरएस पुरा सेक्टर में फ्लैग मीटिंग के भारतीय प्रस्ताव को भी पाकिस्तान ने स्वीकार नहीं किया है। कश्मीर के 141 सरहदी गांवों में दिनभर की खामोशी के बाद भी दहशत जस की तस है।
यहां जनजीवन ठहर सा गया है। स्कूल बंद हैं। बीस हजार हेक्टेयर जमीन पर पकी खड़ी धान की फसल की कटाई शुरू नहीं हुई है। घर छोड़कर गए कई लोग अभी भी नहीं लौटे हैं।
पाक गोलाबारी में जख्मी एक दर्जन लोग जम्मू मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे हैं। जो लोग गांवों में मौजूद हैं वे सूरज ढलने से पहले ही कमरों में बंद हो जाते हैं। जवानों ने सीमा पर बने बंकरों की साफ-सफाई कर ली है। वे दुश्मन के दांत खट्टे करने को बेताब हैं, बस आदेश का इंतजार है।
इनमें भारत के हर प्रांत के जवान हैं। उनको यह कसक जरूर रहती है कि घरवालों से कई-कई दिनों तक बात नहीं हो पाती। शनिवार को कश्मीर के शोपियां जिले के जेनपोरा में मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया।
सीमा और एलओसी पर तनाव के बीच कश्मीर घाटी में मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया है। आरएसपुरा और अरनियां में शनिवार को पाकिस्तान के रॉकेट लांचर शांत रहे लेकिन ग्रामीणों में खौफ का माहौल बरकरार है।
सांबा के चचवाल में भी ग्रामीण सहमे हुए हैं। परगवाल सेक्टर की सीमांत पंचायत गड़खाल क्षेत्र में सीमा पार से गोलाबारी पाकिस्तान रेंजरों के खेरी फारवर्ड मोर्चे से की जा रही थी।
गड़खाल के ठीक सामने सीमा पर पाक रेंजरों ने इस मोर्चे को पिछले साल ही पुनर्जीवित किया है। इसके आसपास एक मिट्टी का बांध बनाया गया है।
192 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के 40 हजार जवान पाकिस्तानी गोलाबारी का जवाब देने के लिए मुस्तैद है। सेना को भी सीमा पर अलर्ट किया गया है।