नई दिल्ली। अवैध धन जुटाने वाली स्कीमोंसे निवेशकों की सुरक्षा के लिए सरकार जमाकर्ताओं को बीमा कवर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। सरकार ने प्रस्ताव किया है कि आम निवेशकों से धन जुटाने वाली कंपनियां जमा पर अनिवार्य रूप से बीमा कवर उपलब्ध कराएं। साथ ही डिफॉल्टरों पर 18 फीसद सालाना ब्याज के साथ भारी जुर्माना लगाया जाए।
प्रस्ताव के मुताबिक इस बीमा कवर के लिए प्रीमियम की राशि कंपनियों द्वारा जमा की जाएगी। जमाकर्ताओं को यह बीमा कवर उपलब्ध नहीं कराने वाली कंपनियों पर 15 फीसद सालाना ब्याज के साथ जुर्माना लगाया जाएगा। नए कंपनी कानून के मसौदा नियमों के तहत यह प्रस्ताव दिया गया है। इन नियमों के तहत कंपनियों पर निवेशकों को भारी रिटर्न का वादा करने और एजेंटों को ज्यादा कमीशन देने पर भी रोक लगाई गई है। कंपनियां ऐसी जमा के लिए एजेंटों को आरबीआइ द्वारा निर्धारित दरों के अनुरूप ही कमीशन दे सकेंगी।
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने ये मसौदा नियम जारी किए हैं। मंत्रालय की ओर से करते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियमों का उल्लंघन होने पर कंपनी व इसके अधिकारियों पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना जमा नहीं करने पर इसमें हर दिन 1,000 रुपये की वृद्धि की जाएगी।
जमा स्वीकार करने वाली कंपनियों को किसी एक अनुसूचित बैंक में डिपॉजिट रीपेमेंट रिजर्व अकाउंट शुरू करना होगा। इसमें कुल जमा की कम से कम 15 फीसद रकम सुरक्षित रखनी होगी। इसके अलावा जमा स्कीम लांच करने से पहले कंपनी द्वारा पात्रता की घोषणा करने के नियम भी प्रस्तावित किए गए हैं।