हिमाचल में छिपा हो सकता है नारायण साईं
आसाराम के बेटे नारायण साईं की तलाश हिमाचल में की जा रही है। गुजरात पुलिस को धर्मशाला के आसपास नारायण साईं के मोबाइल की लोकेशन मिली है।
आगरा के बाद उनका मोबाइल सिम धर्मशाला में उपयोग किया गया। धर्मशाला के बाद मनाली में भी लोकेशन ट्रेस होने की सूचना है। गुजरात पुलिस बेहद खुफिया तरीके से छानबीन कर रही है।
इसी के तहत मंगलवार को पालमपुर में आसाराम के दो आश्रमों की पड़ताल भी की गई है। पालमपुर के राख और मालनू गांवों में बने आश्रमों की जांच हुई है।
राख में बना आश्रम वीरान पाया गया है और मालनू आश्रम भी बंद है। 2006 में पालमपुर में आसाराम राख आश्रम में आए थे।
गुजरात की दो बहनों के दुराचार के आरोप में भगोड़ा घोषित नारायण प्रेम साईं के हिमाचल में छिपे होने की आशंका है। गुजरात पुलिस के खुफिया इनपुट के आधार पर 20 और 21 अक्तूबर को उनके एक सिमकार्ड की लोकेशन हिमाचल में पाई गई है।
हालांकि यह तय नहीं है कि सिमकार्ड को कौन प्रयोग कर रहा है? सूत्र कहते हैं कि गुजरात पुलिस की छह टीमें देशभर में नारायण साईं की तलाश कर रही हैं।
सात राज्यों में ठिकाने बदल चुके साईं
गुजरात पुलिस की तीन टीमें नारायण साईं और उनके नजदीकी शिष्यों के मोबाइल नंबरों की लोकेशन की जानकारी एकत्र करने में लगी है।
अब तक वह हिमाचल, बिहार, यूपी, हरियाणा, गुजरात सहित सात राज्यों में अपने ठिकाने बदल चुका है।
आधिकारिक जानकारी नहीं: एसीएस
हिमाचल के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह पी. मित्रा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
ऐसे मामलों में संबंधित राज्यों की पुलिस आमतौर पर सूचनाएं शेयर भी नहीं करती। गुजरात पुलिस में मामले की जांच कर रही सूरत शहर की डीसीपी शोभा ने हालांकि इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
हिमाचल में छिपा था नित्यानंद स्वामी
कानून व्यवस्था के लिहाज से शांत हिमाचल को कई अपराधी शरणस्थली बनाते रहे हैं। मार्च 2010 में कर्नाटक के तथाकथित स्वामी नित्यानंद भी भगोड़ा घोषित होने के बाद सवा महीने तक सोलन में छिपा रहा था। 18 मार्च से 21 अप्रैल 2010 तक वह शिवशंकर गढ़ में रहा और एक मोबाइल काल से पकड़ा गया। 21 अप्रैल को कर्नाटक पुलिस ने नित्यानंद को सीआईडी शिमला की टीम के साथ मिलकर गिरफ्तार किया था।