साइबर सिटी’ के नाम से मशहूर यह शहर एक समय देश भर के बीपीओ हब का सिरमौर था, लेकिन अब यह तीसरे नंबर पहुंच गया है।
अमेरिकी शटडाउन के चलते भी बीपीओ कंपनियों के आर्डर में कमी आने की आशंका है। इस हालात से गुड़गांव की रैकिंग और नीचे जा सकती है।
बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) सेक्टर का आकलन करने वाली एजेंसी हाईटेक इंडिया के सर्वे के मुताबिक बीपीओ हब की रैकिंग में पहले पायदान पर बंगलूरू है, जबकि दूसरे पर हैदराबाद। इसके बाद गुड़गांव तीसरे नबंर पर है, तो मुंबई चौथे नंबर पर। पिछले साल तक गुड़गांव रैकिंग में नंबर वन था।
हरियाणा आईटी एंड आईटी इनेबल्ड फेडरेशन के अध्यक्ष प्रदीप यादव ने बताया कि वर्ष 2011 से ही गुड़गांव के बीपीओ हब को ग्रहण लगना शुरू हो गया था। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस उद्योग की समस्याओं को नजरअंदाज करने से गुड़गांव तीसरे नंबर पर आ गया है।
गुड़गांव की बीपीओ कंपनियों का सबसे अधिक कारोबार अमेरिका से होता है। वहां शटडाउन का सिलसिला लंबा चला तो बीपीओ हब पूरी तरह से चरमरा जाएगा।
हर्वा बीपीओ के सीईओ अजय चतुर्वेदी ने बताया कि अमेरिका से जो सरकारी काम इंडियन बीपीओ को मिलते थे, वे लगभग बंद हो गए हैं।
अमेरिकी संकट के मद्देनजर भी बीपीओ कंपनियों में कॉस्ट कटिंग का दौर शुरू हो गया है। कैब की जगह मेट्रो सहित दूसरे सार्वजनिक वाहनों के उपयोग पर जोर डाला जा रहा है। टूर को टाला जा रहा है।
बड़ी पार्टियों पर रोक लग गई है। प्राइम कॉल इंटरनेशनल बीपीओ की डायरेक्टर विनीता बताती हैं कि यहां के बीपीओ हब को श्रीलंका, फिलिपींस से भी चुनौती मिल रही है।