दागियों को बचाने वाले विवादित अध्यादेश पर यूपीए के पीछे हटने से आहत राजद ने बाहरी समर्थन जारी रखने का फैसला किया है।
हालांकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अध्यादेश पर यू टर्न लेने के फैसले से चारा घोटाले में दोषी पाए गए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की संसद सदस्यता खत्म होने के कगार पर है।
बावजूद इसके पार्टी ने फैसला लिया है कि न तो वह केंद्र में यूपीए से समर्थन वापस लेगी और न ही झारखंड में सरकार को गिराएगी।
राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस और यूपीए का आंतरिक मामला है और हमारा इससे कुछ लेना देना नहीं है।
अध्यादेश को वापस लेने की संभावना पर उन्होंने कहा, ‘हमारी हैसियत ही क्या है। वर्तमान में हम सिर्फ चार सदस्यों की पार्टी हैं। हम यूपीए को धर्म निरेपक्षता के आधार पर बाहर से समर्थन दे रहे हैं। इसलिए हमें समर्थन भला क्यों वापस लेना चाहिए?’
रघुवंश प्रसाद सिंह ने यह भी कहा कि हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं कि लालू प्रसाद को बचाने के लिए अध्यादेश लाया जा रहा था। बिहार में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हम कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़े थे, तो वह भला हमें क्यों बचाएंगे?