सचिन तेंदुलकर के रंग में रंगा लाहली
लाहली (रोहतक)। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को घरेलू क्रिकेट में अंतिम बार खेलते देखने के लिए जो दीवानगी है उसकी एक बानगी रोहतक से 15 किमी दूर लाहली के लिए जाते समय ही दिखने लगती है। लाहली के चौधरी बंसी लाल क्रिकेट स्टेडियम का नाम लेते ही ऑटो ड्राइवर ने छूटते ही कहा, सर क्या मैच का टिकट मिलेगा? यह तो शुरुआत भर थी। लाहली में उनकी एक झलक पाने के लिए खेतों में बने स्टेडियम के चारों तरफ जमा क्रिकेट प्रेमियों की भारी भीड़ सुबह से ही सचिन का ही नाम जप रही थी।
तेंदुलकर को करीब से देखने के लिए लोग बेताब हैं। स्टेडियम की क्षमता मात्र आठ हजार की है, लेकिन सचिन को खेलते देखने की तमन्ना रखने वालों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है, ऐसे में मैच के टिकट की भारी मांग से जूझना हरियाणा क्रिकेट संघ ( एचसीए) के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
रोहतक से लेकर लाहली तक पूरा माहौल सचिनमय हो गया है। जगह-जगह सचिन के स्वागत की तैयारियां दिखाई दे रही हैं। कई स्थानों पर मास्टर ब्लॅास्टर के पोस्टर लगे हैं। सामान्य तौर पर सुस्त से रहने वाले इस शहर में तभी से सरगर्मियां काफी तेज हो गई थीं जब से सचिन ने यहां हरियाणा के खिलाफ अपना अंतिम रणजी मैच खेलने की घोषणा की थी।
सचिन का सबसे बड़ा भक्त सुधीर कुमार भी अपने भगवान की घरेलू क्रिकेट से विदाई का गवाह बनने के लिए यहां पहुंच गया है। वह लाहली स्टेडियम में तिरंगा लहराते हुए हमेशा की तरह सबके आकर्षण का केंद्र बन गया है। दरअसल मुंबई और हरियाणा के बीच खेले जाने वाला इस सत्र का पहला रणजी मैच किसी अंतरराष्ट्रीय मैच की तरह हाईप्रोफाइल बन गया है। सचिन के लिए दीवानगी इस कदर है कि रोहतक के राजीव विज अपने दस साल के बेटे राघव की सचिन को खेलता देखने की इच्छा पूरी करने के लिए करनाल से अवकाश लेकर आए हुए हैं। राघव ने पूरी दोपहर सचिन के अभ्यास करते देख कर गुजारी। चंडीगढ़ के सेंट एंस के छात्र उत्कर्ष भुक्कल तो सचिन के राघव से भी बडे फैन हैं। वह सचिन को नजदीक से देखने के लिए बॉल ब्वॉय बने हुए हैं। 13-14 साल का उत्कर्ष भी इसी मकसद से शुक्रवार को चंडीगढ़ से यहां पहुंच गया था। ऐसे ही अन्य तमाम स्कूली छात्र हैं। हरियाणा पुलिस के सिपाही अमित कुमार इसलिए खुश हैं कि उनकी ड्यूटी मैच के दौरान स्टेडियम में लगी हुई है और इसी बहाने वह अपने मनपसंद सितारे को देख पाएंगे।
बच्चों और युवाओं के साथ शहर के बुजुर्गो पर भी सचिन का जादू छाया हुआ दिखता है। भगवा वस्त्र पहने लगभग 80 वर्षीय बुजुर्ग ने ठेठ हरियाणवी में पूछा कि क्या सचिन आ गया है? जवाब हां में मिलने पर उनका अगला सवाल टिकट के बारे में ही था। जब उन्हें मालूम पड़ा कि टिकट मिलना मुश्किल है, लेकिन मैच का सीधा प्रसारण किया जाएगा तो उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी। सचिन नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज में अपने 200वें टेस्ट का रिकॉर्ड पूरा करने के बाद क्रिकेट को अलविदा कह देंगे, लेकिन उससे पहले रविवार से 3 नवंबर तक अपना आखिरी रणजी मुकाबला खेलने लाहली के स्टेडियम में उतरेंगे।
सचिन को करीब से देखने के लिए बढ़ी बेताबी
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर मुंबई की ओर से हरियाणा के खिलाफ रविवार से शुरू हो रहे मैच में अंतिम बार रणजी ट्रॉफी में मैदान पर उतरेंगे। तेंदुलकर को करीब से देखने के लिए लोग बेताब हैं, जिससे टिकट की भारी मांग है। मात्र आठ हजार की क्षमता वाले इस स्टेडियम में पहले ही इलाके के प्रभावशाली लोग सचिन का आखिरी मैच देखने के लिए टिकट की बुकिंग करा चुके हैं।
लाहली और आसपास के गांव के लोगों का आरोप है कि हरियाणा क्रिकेट (एचसीए) एससीए ने पहले आश्वासन दिया था कि स्थानीय लोगों को टिकट दी जाएंगी। लेकिन जब वह टिकट मांगने गए तो कह दिया गया कि टिकट समाप्त हो गए हैं। दबाव बढ़ने पर फिर कह दिया गया कि शनिवार को रोहतक के विश्वमकर्मा स्कूल में टिकट बांटी जाएंगी। लेकिन वह भी संभव नहीं हुआ। एक स्थानीय अखबार ने अपने पहले पेज पर खबर दी कि शनिवार को स्टेडियम में टिकट बांटे जाएंगे। उसके लिए हजारों की संख्या में लोग वहां सुबह से एकत्र थे। नाराज क्रिकेटप्रेमियों का कहना है कि नेताओं और अधिकारियों को टिकटों के बंडल पहुंचा दिए गए हैं, जिससे आम लोग मैच देखने से वंचित रह जाएंगे। बीसीसीआइ के नियमानुसार रणजी मैच में प्रवेश नि:शुल्क होता है, लेकिन सचिन के खेलने के कारण यहां भीड़ बेकाबू हो सकती है, इसलिए पास/टिकट की व्यवस्था की गई ताकि उतने ही लोग स्टेडियम में प्रवेश कर सकें, जितनी इसकी क्षमता है। यह भी सुनने में आया है कि सुरक्षा कारणों से आठ हजार क्षमता वाले स्टेडियम में सिर्फ पांच हजार पास जारी किए जाएंगे।
सरकारी रेस्ट हाउस में ठहरे हैं सचिन
मैदान पर क्रिकेट के प्रति अपनी श्रद्धा और लगन के लिए पहचान रखने वाले सचिन तेंदुलकर यहां किसी पांच सितारा होटल न होने की स्थिति में एक सरकारी वीआइपी रेस्ट हाउस में ठहरे हैं। हालांकि उनकी आवभगत के लिए आयोजक कोई कमी नहीं छोड रहे हैं। सचिन को रेस्ट हाउस के उस सुइट में ठहराया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रुका करते हैं। इस सुइट में ड्रांइग रूम, डाइनिंग रूम और बेडरूम है। उनके खाने पीने की व्यवस्था के लिए दिल्ली के पांच सितारा होटल से एक शेफ को खास तौर पर बुलाया गया है। सचिन के प्रशंसकों के एकत्र होने की स्थिति में पुलिस ने रेस्ट हाउस के चारों ओर कड़ी सुरक्षा घेराबंदी कर रखी है।
तेंदुलकर के इर्दगिर्द कमांडो का घेरा
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर शनिवार को जब चौधरी बंसी लाल स्टेडियम में नेट प्रैक्टिस के दौरान पसीना बहा रहे थे, तब दर्शकों की एक-एक गतिविधियां पर हरियाणा पुलिस के कमांडो नजर रखे हुए थे। सचिन की सुरक्षा में हरियाणा पुलिस के 24 कमांडो तैनात किए गए हैं। ये सचिन के यहां रहने तक दिन/रात उनके साथ साये की तरह रहेंगे। शुक्रवार की शाम यहां पहुंचने के बाद से इनमें से 12 कमांडो दिन में और 12 कमांडो रात में उनकी सुरक्षा में रहेंगे। उनको सुरक्षा कारणों से सचिन के मूवमेंट के समय साथ रहने को कहा गया है। मैच के दौरान भी ये ड्रेसिंग रूम के आस-पास डेरा डाले रहेंगे।
तेंदुलकर का विदाई रणजी मैच आज से
गत चैंपियन मुंबई और हरियाणा के बीच रविवार से यहां खेला जाने वाला रणजी ट्रॉफी सत्र का पहला मुकाबला मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के खेलने से बेहद अहम हो गया है। घरेलू क्रिकेट में यह उनका अंतिम मैच होगा, जिससे सचिन से यादगार पारी की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। कहने को यह प्रतिष्ठित रणजी मुकाबला है, लेकिन भविष्य में इसे सिर्फ सचिन के लिए याद रखा जाएगा।
इस मैच में कई स्टार खिलाड़ी मुंबई का प्रतिनिधित्व करेंगे, जिसमें तेंदुलकर के अलावा जहीर खान, अजिंक्य रहाणे, धवल कुलकर्णी और अभिषेक नायर भी शामिल हैं। जहीर भारतीय टीम में वापसी की कवायद में जुटे हैं। रणजी सत्र के लिए मुंबई के कप्तान बनाए गए रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैाजूदा वनडे सीरीज में खेलने के कारण इस मैच के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे और उनकी गैरमौजूदगी में जहीर टीम की अगुआई करेंगे।
इस मैच का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि अमित मिश्रा के नेशनल ड्यूटी पर होने की वजह से हरियाणा टीम की कमान अनुभवी क्रिकेटर अजय जडेजा को सौंपी गई है। जडेजा और सचिन कभी टीम इंडिया के लिए पारी का आगाज किया करते थे। जडेजा ने लंबे समय बाद घरेलू क्रिकेट में वापसी की है। उनकी अगुआई में टीम ने इस साल बुच्ची बाबू टूर्नामेंट का खिताब भी जीता था। मेजबान टीम से कौन मुख्य भूमिका में होगा, इस सवाल पर जडेजा ने कहा कि यह टीम गेम है और हम जीतने के लिए उतरेंगे। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों ने पिछले 2-25 दिन से अभ्यास के दौरान कड़ी मेहनत की है और हम सत्र की शुरुआत जीत के साथ करना चाहेंगे।
जब भी उतरे हैं शतक जमाया है :
तेंदुलकर जब भी रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए उतरे हैं, तो उन्होंने शतक जमाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने घरेलू क्रिकेट करियर का अंत शतक के साथ कर पाते हैं या नहीं। दिसंबर, 1988 में 16 साल की उम्र में पदार्पण के बाद तेंदुलकर ने केवल 37 रणजी ट्रॉफी मैच खेले हैं। उन्होंने अपना पिछला रणजी मैच इस साल जनवरी में सौराष्ट्र के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में फाइनल के रूप में खेला था। सचिन का प्रथम श्रेणी में भी बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने अभी तक 55 पारियों में 4197 रन बनाए हैं और उनका औसत 87़43 है। तेंदुलकर ने 18 शतक और इतने ही अर्धशतक इस चैंपियनशिप में लगाए हैं।
पिछली बाजी रही थी हरियाणा के नाम :
दोनों टीमें करीब 22 साल पहले 1991 में एक दूसरे के खिलाफ रणजी मैच में आमने-सामने हुई थीं। तब हरियाणा ने बाजी मारी थी, लेकिन उस रणजी फाइनल के दौरान 18 वर्षीय तेंदुलकर ने धमाकेदार पारी खेलकर कपिल देव की टीम की मुट्ठी से जीत लगभग छीन ही ली थी। आज दोनों टीमें एक बार फिर आमने सामने हैं। सचिन के अलावा पिछले मैच में शामिल रहे जडेजा ने कहा कि पिछली बार जब सचिन हरियाणा के खिलाफ खेले थे, तब हमने उन्हें हराया था। मैं चाहता हूं कि हम एक बार फिर इतिहास दोहराएं।
आइ मिस यू सचिन
क्रिकेट के भगवान के सबसे बडे भक्त सुधीर कुमार ने कहा कि वह सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद भी टीम इंडिया की हौसलाअफजाई करना जारी रखेंगे, लेकिन अब दस नंबर की जर्सी नहीं पहनेंगे। शनिवार को सुबह स्टेडियम पहुंचे सुधीर ने कहा कि दस नंबर की जर्सी तो वह सचिन की हौसलाअफजाई करने के लिए पहनते थे। अब वह आइ मिस यू सचिन लिखी टीशर्ट पहनेंगे। सुधीर की योजना वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में सचिन के हौसलाअफजाई करने की है। वह उनके 199वें और 200वें टेस्ट के लिए क्रमश: कोलकाता और मुंबई में रहेंगे। सुधीर की तमन्ना है कि सचिन अपने अंतिम रणजी मैच में दोहरा शतक लगाएं, जबकि टेस्ट में शतक लगाकर विदाई लें।