त्योहारी सीजन को देखते हुए देश के सर्राफा बाजार ने अपने ही एक अहम निर्णय को वापस ले लिया है।
दीपावली के सीजन में अपना मुनाफा और बिक्री़ बढ़ाने के लिए कारोबारी सोने के सिक्कों की बिक्री करेंगे। पिछले कुछ दिनों से ज्वैलर्स ने सोने के सिक्कों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा था।
आल इंडिया जेमस एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक मीनावाला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि दीपावली और धनतेरस के मौके पर सोने के सिक्कों की बिक्री इसलिए होती है, क्योंकि लोग शगुन के रूप में उसे खरीदते हैं। ऐसे मौकों पर सिक्कों की बिक्री निवेश के लिए नहीं की जाती है।
इसलिए हमने निर्णय किया है कि धनतेरस और दीपावली के दौरान सिक्कों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। यह फेडरेशन तीन लाख से अधिक ज्वैलर्स का प्रतिनिधित्व करती है।
फेडरेशन ने चालू खाता घाटा को कम करने के लिए जुलाई में खुद से सोने के सिक्कों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था।
ऐसा कोई अधिकारिक आंकड़ा नही है। फिर भी एक अनुमान के अनुसार 300 टन सोने की खपत भारतीय बाजार में सालाना हो जाती है।
भारत विश्व में सबसे ज्यादा सोने का आयात करता है। वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान देश में 830 टन सोने का आयात किया गया था।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार इस तिमाही में सोने की मांग 15 फीसदी बढ़ेगी। इस तिमाही में 300 टन सोने की खपत का अंदाजा लगाया गया है।