विहिप का ऐलान, होकर रहेंगी संकल्प सभाएं

vhp-52144a18e1a81_exlराज्य सरकार व विश्व हिंदू परिषद के बीच शक्ति प्रदर्शन की निर्णायक घड़ी नजदीक आ पहुंची है। विहिप शुक्रवार को संकल्प सभाएं आयोजित करने पर अड़ी है, जबकि सरकार पहले ही इन पर प्रतिबंध लगा चुकी है।

कई जिलों में विहिप नेताओं व कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी व उन्हें नजरबंद करके संकल्प सभाओं में जाने से रोकने का काम शुरू कर दिया गया है।

सरकार ने कहा है कि किसी भी स्थिति में संकल्प सभाएं नहीं होने दी जाएंगी, वहीं विहिप का दावा है कि सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले, संकल्प सभाएं होकर रहेंगी।

शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रदेश में 500 स्थानों पर और देश भर में सवा लाख स्थानों पर लोग श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष का संकल्प लेंगे।

उधर, बजरंग दल के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड संयोजक सुरेंद्र मिश्र ने लखनऊ में गुरुवार को ऐलान किया कि सरकार कितनी भी ताकत लगा ले, शुक्रवार को साफ हो जाएगा कि हिंदू समाज अयोध्या में मंदिर निर्माण में अब और देरी नहीं चाहता।

दो महीने के भीतर सरकार व भगवा टोली के बीच शक्ति प्रदर्शन का यह दूसरा मौका होगा। इससे पहले अगस्त से सितंबर के पहले सप्ताह के बीच 84 कोसी परिक्रमा के नाम पर दोनों तरफ से जोर आजमाइश हो चुकी है।

सरकार की सख्ती के चलते परिक्रमा प्रतीकात्मक बनकर ही रह गई थी, हालांकि विहिप ने इसके सफल रहने का दावा किया था।

इस बार सरकार व विहिप में कौन बाजी मारेगा, यह शुक्रवार को ही सामने आएगा। पर, विहिप पदाधिकारियों का दावा है कि रोक के बावजूद अयोध्या सहित पूरे देश में संकल्प सभाएं होंगी।

मुख्य जोर अयोध्या पर
इस बीच पता चला है कि सरकार के सख्त रुख को देखते हुए विहिप ने अपनी पूरी ताकत अयोध्या में संकल्प सभा आयोजित करने पर लगा दी है।

आसपास के जिलों के कार्यकर्ताओं को अयोध्या पहुंचने को कहा गया है। विहिप के राष्ट्रीय मंत्री पुरुषोत्तम नारायण सिंह ने दावा किया कि अयोध्या में निर्धारित समय पर लोग श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का संकल्प लेंगे।

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव के दमन के बावजूद अयोध्या में कारसेवा हुई। संविधान के अनुसार हर व्यक्ति को अपनी आस्था पर चलने का अधिकार है।

हिंदू समाज चाहता है कि न्यायालय का साफ-साफ निर्णय आ जाने के बाद संबंधित स्थल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समाज व संतों को सौंप दिया जाए।

ये संकल्प सभाएं उसी सिलसिले में हो रही हैं, पर सरकार निहित स्वार्थ में इन संकल्प सभाओं से माहौल बिगड़ने की बात कर रही है।