नोएडा सेक्टर-95 स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल को आम जनता के लिए खोलने पर आखिरकार निर्णय हो गया। लोकार्पण से 721 दिन बंद रहने के बाद आज इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया। यह 11 बजे से शाम छह बजे तक खुला रहेगा।
प्रेरणा स्थल को दो अक्तूबर से खोलने की तिथि पहले से प्रस्तावित थी। इस कारण प्राधिकरण ने तैयारियां भी पहले ही शुरू कर दी थीं। मंगलवार को भी प्राधिकरण की पूरी टीम प्रेरणा स्थल की तैयारियों में जुटी रही।
दिन भर प्रेरणा स्थल की सफाई होती रही। यहां लगी लाइटों की भी टेस्टिंग कर ली गई है। पानी व अस्थाई शौचालय का इंतजाम कर लिया है। इसमें प्रवेश करने के लिए दस रुपये का टिकट लगेगा, जिसके लिए गेट नंबर पांच के दोनों तरफ काउंटर बनाए गए हैं। पार्किंग के लिए परिसर के अंदर जगह तय नहीं हो सकी है।
दलित प्रेरणा स्थल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी मुस्तैदी रहेगी। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि इसमें निजी सुरक्षा गार्ड चौबीसों घंटे तैनात किए जाएंगे। जिस वक्त लोगों का आना जाना होगा, उस दौरान पुलिस की तैनाती रहेगी।
इसके लिए सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जाएगी। पार्क के अंदर मूर्तियों से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो, इसके लिए जगह-जगह बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
उन बोर्डों में पार्क के अंदर प्रवेश करने के दौरान क्या करें और न क्या करें, निर्देश लिखे होंगे। प्रवेश करने के दौरान दर्शकों द्वारा लाए गए सामान की तलाशी भी ली जाएगी।
इसके अलावा पार्क परिसर में किसी प्रकार की गंदगी न हो, इसका भी ख्याल रखा जाएगा। चूंकि यह प्रेरणा स्थल बसपा सुप्रीमो मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसलिए इसकी सुरक्षा व्यवस्था प्राधिकरण और प्रशासन के लिए चुनौती भी है।
क्या है खास?
राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल करीब 82.5 एकड़ एरिया में फैला है। इसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के अलावा 11 महापुरुषों की मूर्तियां लगी हैं। सौ फुट ऊंचाई का समता मूलक स्तंभ बना है, जिन पर अशोक चक्र बना हुआ है।
दो फाउंटेन लगे हैं, जिनकी ऊंचाई 52 फुट है। एडीबी की बैठक के दौरान फाउंटेन को चलाया गया था। रात के समय यहां लगी लाइटों से छटा देखते ही बनती थी।
22 बड़े हाथियों की गैलरी बनी है। प्रेरणा स्थल के अंदर एक खूबसूरत पार्क है, जिसमें मौलिश्री, कचनार, अशोक, सेमल, पिलखन, अमलतास आदि प्रजाति के करीब 7.5 हजार पौधे लगे हैं।