भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की सजा पाने वाले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रशीद मसूद संसद की सदस्यता गंवाने वाले पहले सांसद बनेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निचली अदालत से दो साल की सजा पर अयोग्य ठहराने संबंधी फैसला सबसे पहले मसूद पर ही लागू होगा।
हालांकि इस फैसले का पहला शिकार राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव को होना था। मगर बीते सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी करार देकर सजा पर फैसला 3 अक्तूबर तक के लिए टाल दिया था।
वैसे कैबिनेट इस फैसले पर रोक के लिए जारी अध्यादेश पर बुधवार को फिर विचार करने जा रही है। मगर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के तीखे विरोध और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आपत्तियों के कारण इस अध्यादेश का लागू होना असंभव माना जा रहा है।
संविधान विशेषज्ञ और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष कश्यप के मुताबिक मसूद का सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पहला शिकार बनना तय है।
नियमानुसार अदालत के फैसले की जानकारी फैसला सुनाने के 24 घंटे के अंदर राज्यसभा के सभापति को दे दी जाएगी।
सभापति तत्काल इसकी सूचना चुनाव आयोग को देंगे। इसके बाद आयोग मसूद की सदस्यता रद्द कर देगा। मसूद को मंगलवार को ही तीसहजारी अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में चार साल के जेल की सजा सुनाई है।
अदालत मसूद को पहले ही दोषी करार दे चुकी थी। हालांकि मसूद राज्यसभा की सदस्यता गंवाने वाले पहले तो लालू और जगदीश शर्मा लोकसभा की सदस्यता गंवाने वाले पहले सांसदों में शुमार होंगे।