सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश के हालिया सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।
उन्हें आशंका है कि राष्ट्र विरोधी तत्व इस तरह की घटनाओं का इस्तेमाल मुसलिम युवाओं को बरगलाने और उन्हें इंडियन मुजाहिदीन और सिमी जैसे आतंकवादी संगठनों में भर्ती करने में कर सकते हैं।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आतंकी मास्टरमाइंड पहले भी इस तरह की घटनाओं का इस्तेमाल कर युवाओं को आतंकी गतिविधियों में लगा चुके हैं।
इसलिए मुजफ्फरनगर की घटनाओं का भी इस्तेमाल युवाओं को भड़काने में किया जा सकता है।
यह अधिकारी आतंकवाद से जु़ड़े कई मामलों की जांच में बेहद नजदीक से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन अपनी खोई ताकत को फिर से हासिल करने की कोशिश कर सकता है।
हाल में अपने सह संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी से इसे करारा झटका लगा है। इंडियन मुजाहिदीन के लिए उत्तर प्रदेश एक बड़ा चारागाह रहा है और अपनी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसने यहां के युवाओं की भर्ती भी की है।
पहले गिरफ्तार आतंकवादी जांच अधिकारियों को बता चुके हैं कि किस तरह उन्हें बाबरी मस्जिद विध्वंस और गुजरात दंगों से जुड़ी कहानियां तोड़मरोड़ कर बताई जाती थी।
इस तरह की कहानियों से उन्हें जेहादी गतिविधियों में शामिल होने की प्रेरणा मिलती थी। हाल में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा के टॉप लीडर अब्दुल करीम टुंडा ने पुलिस को बताया था कि वह युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती होने के लिए� प्रेरित करता था और उनकी भर्ती भी करता था।
अपने मदरसों में मुसलिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की कहानी सुना कर वह युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता रहा था।
इस बीच सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि केन्या में एक पॉश मॉल में आतंकवादी घटनाओं के मद्देनजर दिल्ली के कुछ मॉल की सुरक्षा चौकसी काफी बढ़ा दी गई है।
राजधानी दिल्ली में ऐसी 534 जगहों की पहचान की गई है, जहां मॉल, होटल, बाजार, स्कूल या कॉलेज हैं।