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पेलिन इफेक्ट: कई राज्यों में भारी बारिश, बिहार में बाढ़ की चेतावनी

भुवनेश्वर/हैदराबाद।। 1999 के खतरनाक सुपर साइक्लोन के बाद अब तक का दूसरा सबसे भीषण चक्रवाती तूफान ‘पेलिन’ रविवार को कमजोर पड़ गया। शनिवार को करीब 9 बजे तूफान करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा के गोपालपुर तट पर पहुंचा था। रविवार की सुबह तक हवाओं की रफ्तार 80-100 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो गई थी। हालांकि, ओडिशा, उत्तरी आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में लगातार बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग ने कई राज्यों में अगले 24 घंटे भारी बारिश का अनुमान लगाया है। बिहार में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।

बिहार में बाढ़ की चेतावनी
चक्रवात पेलिन की वजह से बिहार में बाढ़ की चेतावनी दी गई है। आईएमडी महानिदेशक एल.एस. राठौड़ ने इसकी चेतावनी जारी की है। उन्‍होंने कहा कि अगले 48 घंटे तक बिहार के मैदानी भागों में भारी बारिश होगी जिससे नदियों मे जलस्तर बढ़ेगा।

झारखंड में भारी बारिश

ओडिशा में आए झारखंड में भी दिखने लगा है। रांची में रविवार की सुबह से तेज बारिश हो रही है। पेलिन शनिवार रात को ओडिशा और आंध्र प्रदेश में अपना रंग दिखाने के बाद बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। तूफान की वजह से झारखंड में रांची सहित खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, धनबाद, जामताड़ा, बोकारो में काफी तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।

कमजोर पड़ा पेलिन
एनडीएमए के उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी ने कहा कि शुरुआती जानकारी के अनुसार ओडिशा के गंजाम जिले के गोपालपुर में हालात अब बेहतर दिख रहे हैं और हवाओं की रफ्तार तेजी से कम हुई है। एनडीआरएफ वहां हुई क्षति का आकलन करने में जुट गया है। उन्होंने कहा, ”गोपालपुर में हवाओं की रफ्तार सुबह 8 बजे 90-100 किलोमीटर प्रतिघंटे तक कम हो गई। हम अब भी आपदा से हुए नुकसान के आंकलन की कोशिश में लगे हैं।”

फिलहाल किसी जगह से तूफान के कारण जान-माल के बड़े नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, 7 लोगों के मौत की खबर आ रही है। इन लोगों की मौत तेज हवाओं के कारण पेड़ गिरने की वजह से हुई है। रविवार सुबह तक तूफान की गति धीमी पड़ गई। बताया जा रहा है कि तूफान से सबसे पहले प्रभावित होने वाले आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में आशंका से कम नुकसान हुआ है। हालांकि बारिश के कारण संपर्क कट जाने के कारण कुछ इलाकों में हुए नुकसान की पूरी खबर नहीं मिल पा रही है। उधर, ओडिशा के बहरामपुर में संपत्ति का नुकसान और यातायात प्रभावित होने की खबर है। एनएच-5 पर भी पानी भर गया है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर सहित सभी जगह भारी बारिश जारी है।

इससे पहले मौसम विभाग ने शनिवार रात को कहा कि पेलिन कैटिगरी-6 का तूफान है। मौसम विभाग का कहना है कि इस तूफान का सबसे तेज असर आंध्र प्रदेश के कलिंगापटनम से ओडिशा के परादीप के बीच रहेगा जबकि गोपालपुर इसका एपिसेंटर है।

ओडिशा में रेलवे को भारी नुकसान
ओडिशा में पेलिन की वजह से रेलवे ट्रैफिक को खासा नुकसान झेलना पड़ा है। तूफान के कारण हाई टेंशन टावरों एवं सिग्नलों के गिरने, प्लेटफॉर्मों के क्षतिग्रस्त होने और पटरियों पर पेड़ों के गिरने के बाद पूर्व तटीय रेलवे ने रविवार को कहा कि भद्रक-खुरदा, खुरदा-पलासा, पलासा-विजयनगरम रेल सेक्शन पूरी तरह से बंद हैं।

पेलिन सुपर साइक्लोन नहीं 
साइक्लोन के कारण अगले 12 से 24 घंटे में पूर्वी भारत के बड़े हिस्से में बारिश हो सकती है। हालांकि एनडीएमए ने इस बात से इनकार किया कि ‘पेलिन’ एक सुपर साइक्लोन है। साइक्लोन के कारण करीब 6 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें ओडिशा के साढ़े चार और आंध्र प्रदेश के एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन दोनों राज्यों से हटाए गए ज्यादातर लोगों को विशेष रूप से बनाए गए 500 चक्रवात कैंपों में रखा गया है। हर कैंप में 1500 लोगों को रखे जाने की व्यवस्था है।

क्या है पेलिन?
पेलिन का मतलब सफायर (नीलम) होता है। पेलिन थाइलैंड का शब्द है। बीते 4 अक्टूबर को जापान के मौसम विज्ञान विभाग ने इसे थाइलैंड की खाड़ी में मॉनिटर करना शुरू किया। इसके बाद वेस्टर्न पैसिफिक बेसिन होता हुआ अंडमान सागर पहुंचा। फिर अंडमान द्वीप के मायाबंदर होते हुए पेलिन बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ गया। यहां इसे मॉनिटर करने के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसे पेलिन नाम दिया।

 

NCR Khabar News Desk

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