पाकिस्तान के 90 फीसदी परमाणु हथियार अलर्ट

missile-522045f580c17_exlपाकिस्तानी सीनेट की रक्षा समिति के सेमिनार में बात सामने आई है क‌ि 90 फीसदी परमाणु हथ‌ियार अलर्ट हैं। भारत के ल‌िए ये बात च‌िंताजनक साब‌ित हो सकती है।

बीते हफ्ते भारत और पाकिस्तान के उर्दू अख़बारों में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ के बयानों और उनके अमरीकी दौरे की खासी चर्चा रही।

कई भारतीय अख़बारों ने जहां कश्मीर के मुद्दे पर अमरीकी मध्यस्थता वाले नवाज शरीफ के बयान की चर्चा की तो पाकिस्तानी अख़बारों में ड्रोन हमलों को बंद करने की उनकी मांग पर ख़ास तौर से लिखा गया।

लेकिन दिल्ली से छपने वाले ‘हमारा समाज’ ने अमरीका पर अपने मित्र देशों की जासूसी के आरोपों पर संपादकीय लिखा- क्या अमरीका पतन की तरफ बढ़ चला है।

ब्रितानी अख़बार ‘गार्डियन’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अख़बार कहता है कि दुनिया के कम से कम 35 नेताओं की अमरीका ने जासूसी की।

अख़बार लिखता है कि ये पहला मौक़ा है जब अमरीका के मित्र देशों में उसका इतना विरोध हो रहा है और आने वाले दिनों मे ये सिलसिला तेज़ हो सकता है।

अख़बार ने कुछ जानकारों के हवाले से कहा है गया है कि जासूसी के इन आरोपों से अमरीका और उसके मित्र देशों में आई दरार आने वाले वर्षों उनके गठबंधन के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है।

बचकाना बयान

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हालिया बयान पर अख़बार-ए-मशरिक़ लिखता है कि पहली बार किसी राजनेता के मुंह से ये बात निकली है कि पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई मुज़फ़्फरनगर दंगों के कुछ पीड़ितों को चरमपंथी बनने के लिए उकसा रही है।

उनके इस बयान पर उठे सियासी तूफान का जिक्र करते हुए अख़बार ने लिखा है कि राहुल गांधी समझते हैं कि उन्होंने अपनी तरंग में ये सनसनीखेज बयान देकर दूर की कौड़ी खेली है, लेकिन उनका ये बयान न सिर्फ़ बचकाना है बल्कि बहुत ही ग़ैर ज़िम्मेदाराना है।

‘हिंदोस्तान एक्सप्रेस’ ने कश्मीर पर अमरीकी मध्यस्थता को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के हालिया पर बयान लिखा है- ‘मियां साहब घर की खबर लें’।

अख़बार लिखता है कि अब शरीफ से कौन पूछे कि दोतरफ़ा मसले के हल के लिए उन्हें मध्यस्थ की ज़रूरत क्यों महसूस हुई, और मध्यस्थ भी अमरीका जिसके बार में माना जाता है कि वो समस्या को जन्म तो दे सकता है लेकिन उसे हल नहीं।

इराक़ की तबाही और अफगानिस्तान की बर्बादी को देखते हुए तो नवाज शरीफ की मांग को खाम ख़्याली न करार देने की कोई वजह नहीं दिखती है।

‘शांतिपूर्ण विरोध’

उधर पाकिस्तानी उर्दू अख़बारों में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमरीकी यात्रा हफ़्ते भर छाई रही। ख़ासकर ड्रोन हमलों को लेकर दैनिक ‘ख़बरें’ लिखता है कि ड्रोन बंद हमले हो, ये पाकिस्तानी जनता के दिल की आवाज है, इसीलिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने अमरीकी दौरे में इसे ज़ोर शोर से उठाया।

लेकिन अख़बार का कहना है कि ये पहला मौक़ा नहीं है जब ड्रोन हमलों का विरोध किया गया लेकिन मदमस्त हाथी ने पाकिस्तान तो क्या इस बारे में संयुक्त राष्ट्र तक की नहीं सुनी और गैरकानूनी तरी से ड्रोन हमले जारी हैं।

इसी विषय पर दैनिक औसाफ़ ने दिलचस्प कार्टून बनाया है जिसमें एक बैनर के छोर शाहीन मिसाइल और गौरी मिसाइल से बंधे और उस लिखा है शांतिपूर्वक विरोध। ड्रोन हमले बंद करो प्लीज।

इसी विषय पर जंग ने इस ख़बर को हेडलाइन दी, ड्रोन की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा -अमरीका।

दैनिक ‘आजकल’ ने अपने कार्टून में ओबामा को नवाज शरीफ के कंधे पर बैठकर अफ़ग़ानिस्तान के भंवर से निकलते हुए दिखाया है।

कार्टून में ओबामा जहां अफ़ग़ानिस्तान से निकलने पर ख़ुश हैं, वहीं नवाज शरीफ उनके हाथ में लहरा रहे डॉलर देख कर फूले नहीं समा रहे हैं।

दैनिक ‘पाकिस्तान’ ने अपने पहले पन्ने पर ख़बर लगाई है-पाकिस्तान के पास 110 और भारत के पास 100 परमाणु बम।

अख़बार के मुताबिक ये बात पाकिस्तानी सीनेट की रक्षा समिति के सेमिनार में सामने आई। इनमें से 90 फीसदी वॉरहेड्स अपनी पोज़िशन पर अलर्ट हैं।

बात अगर पूरी दुनिया में मौजूद परमाणु बमों की करें तो अख़बार ने एक ऑस्ट्रेलियाई रिपोर्ट के हवाले से इसकी तादाद 17 हजार 876 बताई है।

अख़बार कहता है कि सेमिनार सवाल उठाया गया कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में ऊट पटांग दुष्प्रचार करने वाले इसराइल और भारत के परमाणु कार्यक्रम को क्यों भूल जाते हैं।

जनता पर मार

‘नवाए वक्त’ का संपादकीय है- क्या शेर ने आटा और गैस खाना शुरू कर दिया है। शेर यानी प्रधानमंत्री नवाज़़ शरीफ़़ की पार्टी का चुनाव चिन्ह।

अख़बार लिखता है कि सरकार ने सर्दियों में घरेलू इस्तेमाल के लिए गैस की आपूर्ति 24 घंटे की बजाय सिर्फ़ दिन में खाना बनाने के तीन वक्तों पर मुहैया कराने का प्लान बनाया है।

ये फ़ैसला बिजली की किल्लत, महंगाई, भ्रष्टाचार से बेहाल लोगों के दिलों में नफ़रत को और ब़ढ़ाएगा। वहीं दूसरी तरफ़ पंजाब के खाद्य मंत्रालय ने आटा मिलों के कोटे में अनाज की 17 फ़ीसदी से ज़्यादा कटौती कर दी है जिससे आटे का संकट पैदा होने का भी ख़तरा है।

अख़बार के अनुसार सरकार लोगों के लिए आसानी पैदा करने की बजाय मुश्किलें खडी कर रही है। ऐसे में जनता सड़कों पर निकले, तो उसे रोकना मुश्किल होगा। लिहाजा शेर डॉलर खाने के बाद गैस और अनाज खाना बंद करे।

कई पाकिस्तानी अखबारों ने भारत की कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान को अपने पहले पन्ने पर जगह दी कि भाजपा नफ़रत की राजनीति करती है। दैनिक ‘खबरें’ लिखता है कि राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें भी उनकी दादी और पिता की तरह मारा जा सकता है लेकिन वो इस बात की परवाह नहीं करते हैं।