आसाराम के पुत्र नारायण साईं की तलाश में गुजरात पुलिस ने आगरा में डेरा डाल दिया है। आलोक नगर में तेल व्यवसायी के घर में छिपे होने की सूचना पर शुक्रवार रात छापामार कार्रवाई की।
डेढ़ घंटे की पूछताछ में सूरत क्राइम ब्रांच की टीम को नारायण साईं के रहने संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिले। वहीं, गृहस्वामी ने भी खुद को आसाराम या उनके बेटे का अनुयायी होने से इनकार किया है।
शाहगंज थान स्थित आलोक नगर ए-21 निवासी अर्जुन जसवानी घी-तेल के थोक व्यापारी हैं। उनके घर पर शुक्रवार रात 11.23 बजे गुजरात के सूरज जिले की क्राइम ब्रांच ने स्थानीय पुलिस के साथ दुराचार के आरोपी आसाराम के पुत्र नारायण साईं की तलाश में छापामारी की।
सूरत पुलिस को सूचना थी कि नारायण साईं यहां ठहरा हुआ है। टीम ने पूरे घर को घेर लिया। सूरत क्राइम ब्रांच के एएसपी टीम और स्थानीय पुलिस के साथ मकान में घुसे। उस समय घर में अर्जुन जसवानी की पुत्रवधू घर में थीं।
उन्होंने ससुर अर्जुन और पति रमेश, राजकुमार को इसकी जानकारी दी। अर्जुन जसवानी का कहना था कि वह आसाराम और नारायण साईं को टीवी के माध्यम से जानते हैं। परिवार का कोई भी सदस्य उनका भक्त नहीं है।
पुलिस ने परिवार के सदस्यों से डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान अलमारियां और बेड भी खुलवाकर देख। तकरीबन डेढ़ बजे टीम घर से चली गई। मालूम हो कि नारायण साईं पर गुजरात के सूरत जिले में थाना जहांगीरपुरा में आईपीसी की धारा 376, 377, 342, 346, जी 12 बीआईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
शिष्टाचार व्यवहार का लिया प्रमाण पत्र
गुजरात की सूरत पुलिस ने अर्जुन जसवानी से छापामारी के दौरान पुलिस के शिष्टाचार व्यवहार करने का प्रमाणपत्र भी लिया। अर्जुन जसवानी ने बताया कि सूरत पुलिस के अधिकारी ने उनसे गुजराती में लिखे एक कागज पर हस्ताक्षर कराए।
पुलिस ने उनको बताया कि इसमें लिखा है कि पुलिस ने छापामारी के दौरान कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया। सूरत क्राइम ब्रांच टीम ने छापामारी से पहले गाड़ियों को भोगीपुरा चौराहा पर खड़ा करवा दिया था ताकि मीडिया को इसकी भनक न लग सके।