अमृतसर – पाकिस्तान शरीफ नहीं है। भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के मामले में पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है। पाकिस्तान ने उस समय बेशक हत्या को महज ‘कैदियों की भिड़ंत’ बताकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना दामन बचा लिया, लेकिन अब भारत को हत्या का चश्मदीद गवाह मिल गया है। एक दिन पहले पाकिस्तान की जेल से रिहा हुए गुरदासपुर के गांव डंडवा निवासी सुनील मसीह ने पाकिस्तान के झूठ को बेपर्दा किया है।
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही है। सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने रविवार सुबह फोन पर कहा कि ‘मैं दिल्ली में हूं, अभी दैनिक जागरण में छपी खबर पढ़ी कि सरबजीत की हत्या का चश्मदीद भारत को मिल गया है। मैं अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी सवाल पूछती हूं कि क्या वह पाकिस्तान को अब भी शरीफ मानते हैं? अगर नहीं तो मैं गुजारिश करती हूं कि ऐसे आतंकी, धोखेबाज व गद्दार पाकिस्तान से संबंध न रखा जाए। मैं इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाऊंगी ताकि पाकिस्तान का झूठ दुनिया के सामने साबित हो।’
दलबीर कौर ने कहा कि वह पाकिस्तानी जेल से रिहा होकर आए गुरदासपुर जिले के सुनील मसीह व तरनतारन जिले के दिलबाग सिंह से मुलाकात कर सरबजीत की हत्या की जानकारी लेंगी। नवरात्र चल रहे हैं, माता रानी ने मेरे सरबजीत के कातिल को सजा दिलाने के लिए पाकिस्तान जेल से सुनील को रिहा करवाया है। वहीं, सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर ने बताया कि गांव के लोगों ने उन्हें बताया कि सरबजीत की हत्या का चश्मदीद पाकिस्तान की जेल से छूटकर भारत आया है। मैं बेटी पूनम के साथ सुनील मसीह व दिलबाग सिंह से मिलकर सरबजीत के लिए इंसाफ मांगूगी। भिखीविंड से सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर फोन पर ये बातें कहते हुए रो पड़ीं। सुखप्रीत ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के घर के आगे तब तक धरना देंगी जब तक पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।
पाकिस्तान मानवाधिकार संगठन फिर से उठाएगा मुद्दा
अखिल भारतीय ह्यूमन राइट ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय महासचिव एचएस तंवर उन्होंने इस मसले पर पाकिस्तान स्थित मानवाधिकार संगठन से बात की है। वहां का मानवाधिकार संगठन अब सरबजीत का मुद्दा उठाने की तैयारी में जुट गया है। इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा सकता है।
प्रताड़ना से पागल हो रहे भारतीय कैदी
तरनतारन के गांव सोहल निवासी दिलबाग सिंह उर्फ बिट्टू ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की कोर्ट लखपत जेल में बंद एक दर्जन के करीब भारतीय कैदियों को शारीरिक व मानसिक कष्ट दिया जा रहा है, जिससे वे पागल हो रहे हैं। उसने दावा किया कि सरबजीत सिंह पर हमला करने से पहले उसे चाय में नशे वाली गोलियां दी जाती थी।