अखिलेश यादव की सपा सरकार ने जिन बातों का हवाला देकर अरुण कुमार को एडीजी पद से हटाया था, नए अधिकारी भी उसी राह पर चलते नजर आ रहे हैं।
सूबे के नए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मुकुल गोयल ने एक पुलिस मीटिंग में बोल दिया कि वह दंगे न होने की गांरटी नहीं ले सकते।
अभी हाल ही में 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को इस पद पर तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि सपा सरकार ने अरुण कुमार को दंगों पर काबू न कर पाने की वजह से उनके पद से हटाकर डीजीपी ऑफिस से अटैच किया है।
नए एडीजी के बोल
एडीजी गोयल ने कुर्सी संभालते ही कहा था, ‘सांप्रदायिक संघर्ष गांवों में फैला है, जहां लोगों में अधिक भाईचारा रहता है। इसलिए वहां सद्भावना और भाईचारा बनाने का काम करना होगा। एडीजी ने कहा कि लापरवाही से काम करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।’
चुनौती पर क्या बोले थे
एडीजी गोयल ने कहा था कि सबसे बड़ी चुनौती हालात को सामान्य बनाए रखने और तनाव को देखते हुए आगामी त्यौहारों को शांतिपूर्वक संपन्न कराने की है। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से मौजूदा हालात काफी संवेदनशील हैं।
राजनीतिक दबाव पर कहा था
गोयल ने कहा था कि जन प्रतिनिधियों की सिफारिशें तो हमेशा आती हैं। जरूरत है सही और कानून सम्मत कार्यवाही करने की। दबाव में आकर काम नहीं किया जाता है।
क्या था सरकार का तर्क
विशेष सचिव गृह एके मिश्र ने अरुण कुमार को हटाने के बाद कहा था कि यह निर्णय जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
बहुत मुमकिन है कि मुकुल गोयल का यह बयान फिर सियासत गर्म करेगा।