तीस हजारी स्थित एसीएमएम विनोद कुमार गौतम की अदालत ने वसंत विहार गैंगरेप वारदात में इस्तेमाल की गई बस के मालिक दिनेश यादव के खिलाफ धोखाधड़ी व झूठा बयान देने संबंधी धाराओं में आरोप तय कर दिए।
दूसरी ओर अदालत ने दिनेश के सह आरोपी सेवानिवृत्त ट्रैफिक इंस्पेक्टर जय भगवान व रकम सिंह को बरी कर दिया। इन पर दिल्ली में बस का पंजीकरण कराने में दिनेश की मदद करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने दिनेश यादव को धोखाधड़ी व झूठा बयान देने के आरोप में दो जनवरी 2013 को गिरफ्तार किया था।
उस पर राज्य परिवहन प्राधिकरण को गलत जानकारी देने व बस पंजीकरण करवाने के लिए अधिकारियों के सामने झूठा बयान देने का आरोप है।
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को जिस बस में गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था, उसका पंजीकरण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करवाया गया था।
नोएडा निवासी दिनेश यादव ने खुद को दिल्ली का निवासी दिखाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक, एलआईसी पॉलिसी की कॉपी व दूसरे दस्तावेजों की कॉपी राज्य परिवहन प्राधिकरण के जमा करवाई थी।
पुलिस का कहना है कि दिनेश यूपी का स्थाई निवासी है। उसने अवैध तरीके से खुद को दिल्ली का निवासी दिखाकर बस चलाने का परमिट हासिल किया था।
उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे दिल्ली में दस बसें पंजीकृत करवाई थीं।