कांग्रेस की दिल्ली चुनाव समिति ने आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख 6 अक्तूबर तकय की थी। लेकिन देर शाम तक भी आवेदन की जमा कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
प्रदेश कार्यालय में फार्म जमा कर रहे लोगों ने शाम को बताया कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, डा. अशोक कुमार वालिया, विधानसभा अध्यक्ष डा. योगानंद शास्त्री समेत तमाम विधायकों के फार्म जमा नहीं हो सके थे। वहीं फार्म जमा करने के लिए पार्टी फंड जमा कराना अनिवार्य किया गया है।
विधायक दयानंद चंदेला ने राजौरी गार्डन और पत्नी धनवती चंदेला का फार्म तिलक नगर से भरा है। इन्हें फार्म जमा करने से पूर्व पार्टी फंड की राशि जमा कराई।
आदर्श नगर सीट पर मंगतराम सिंघल ने अपने फार्म के साथ-साथ बेटे अजय सिंघल का भी फार्म भरा है। इस सीट पर मंगत राम सिंघल को चुनौती देने के लिए उत्तरी एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष मुकेश गोयल ने फार्म भरा है।
सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा ने द्वारका, वीरेन्द्र सहवाग की बहन अंजु सहवाग ने नजफगढ़, दलेर मेहंदी ने तिलक नगर, राम सिंह नेताजी ने बदरपुर, आसिफ मोहम्मद खान ने ओखला, डा. योगानंद शास्त्री की साली और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हीरा सिंह की बेटी सुदेश सांगवान ने पालम ने दावेदारी पेश की है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह की सीट आरके पुरम पर टक्कर देने के लिए शशि शर्मा ने फार्म भरा है। शशि शर्मा पूर्व विधायक डा. एससी शर्मा की बहन हैं और इलाके में रहती हैं।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने अंतिम दिन आवेदकों की संख्या बताने की स्थिति में इसलिए नहीं है क्योंकि कई बड़े नाम अभी फार्म जमा नहीं कर पाए हैं।
ऐसे में सोमवार सुबह तक भी गैर आधिकारिक तरीके से फार्म लिये जाएंगे। इन फार्म को कंप्यूटर पर चढ़ाया जाएगा।
विधानसभा 2008 के मुकाबले दावेदार घटे
कांग्रेस से दावेदारों की संख्या 2008 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम हो गए हैं। देर शाम तक 1400 से भी कम फार्म जमा हुए थे। जबकि 2008 के विधानसभा चुनाव में 2000 दावेदार सामने आए थे।
दावेदारों की घटी संख्या के पीछे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल लगातार तीन बार से जीते विधायकों का टिकट पक्का मानकर चलने वाले कार्यकर्ता हैं।
वह कहते हैं कि 43 सीटें कांग्रेस के पास हैं। दो विधायक पार्टी में शामिल हुए हैं। ऐसे में भाजपा के कब्जे वाली या अन्य विधायकों वाली सीट पर ही दावेदार अधिक आए हैं।
हालांकि पार्टी दफ्तर के आंकड़े गवाही देते हैं कि मंत्री रमाकांत गोस्वामी, विधायक वीर सिंह धींगान जैसे कई विधायक हैं जिनकी सीट पर भी दावेदारों की संख्या 20-30 के बीच है।