कहानी में नया मोड़, अब पुलिस पर अपहरण्‍ा का आरोप

योगगुरु रामदेव के भाई व पतंजलि योगपीठ के एमडी रामभरत के खिलाफ बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाने के मामले में नया मोड़ आ गया है।

रामभरत पर मुकदमा दर्ज करने वालों ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं। उन्होंने पुलिस पर ही नितिन को सुरक्षा देने के नाम पर बंधक बनाने का आरोप लगाया है।

यह भी आरोप है कि पुलिस नितिन को उसके किसी भी परिजन से मिलने नहीं दे रहे हैं। परिजन पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

21 अक्तूबर को योगगुरु रामदेव के भाई एवं पतंजलि योगपीठ के एमडी रामभरत सहित अन्य लोगों पर अपहरण व मारपीट करने का आरोप लगा था। अब नितिन त्यागी के दादा सोमदत्त ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर पतंजलि की ओर से अपहरण जैसी कोई घटना होने से इंकार किया है।

पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप
चार दिन पहले नितिन ने कनखल थाने में दोबारा खुद को अगवा किए जाने का मामला दर्ज कराते करते हुए शपथ पत्रों व खाली कागजों पर हस्ताक्षर कराने की शिकायत और सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

इसमें पुलिस ने एसएसपी के आदेश पर नितिन की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात किए थे। इस मामले में अब नितिन त्यागी के रुड़की में रहने वाले रिश्तेदार हरपाल त्यागी ने पुलिस पर नितिन त्यागी को सुरक्षा देने के नाम पर बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया है।

‘किसी से मिलने नहीं दे रही पुलिस’
हरपाल त्यागी का आरोप है कि उन्होंने नितिन त्यागी को खोजने का प्रयास किया तो पता चला है कि वह पुलिस की निगरानी में है, लेकिन पुलिस उसे किसी से मिलने नहीं दे रही है।

उनका कहना है कि वह पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में जाएंगे। वहीं कनखल थाना प्रभारी महेश जोशी का कहना है कि नितिन ने स्वयं थाने में आकर सुरक्षा मांगी थी। जिसे एसएसपी के निर्देशों पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। नितिन को किससे मिलना है कि या नहीं मिलना है वह उसका अधिकार है।