कहां हैं, कहां हैं कहां हैं ??

कहां हैं, कहां हैं कहां हैं ??

वो झूठे जो आरोप, कहते न थकते
थी आंखों पे पट्टी, सदा हमसे लडते
जो कहते थे साधू है हिन्‍दू धरम का
जो कहते थे पकडा है मसला भरम का
कहां जा छुपे आज भक्‍त वे कहां है
कहां राजदार वे प्रशंसक कहां हैं
कहां है कहां हैं कहां हैं ??
30_09_2013-asaramsilpi30

 

 

 

 

 

 

नहीं है किया इसने शर्मसार इंसा
नहीं है किया कोई मामूली हिंसा
है ये तो लुटेरा जग मानव धरम का
नहीं कोई रिश्‍ता है इसका शरम का
कहां है वे संगे, अनुयायी कहां है
इस पाखंडी के आततायी कहां हैं
कहां हैं कहां हैं कहां हैं ??

जरा आज आओ न मुख युं छुपाओ
था निर्लज्‍ज वो पर न तुम अब लजाओ
उठा लो पताका रणभेरी सजाओ
इस जग को चलो ढोंगियों से बचाओ
कहां हो भरत भूमि भूषण कहां हो
कहां हो मेरे सब विदूषक कहां हो
कहां हो, कहां हो, कहां हो

मनोज