दागी नेताओं को बचाने के लिए लाए जा रहे अध्यादेश पर राहुल गांधी की सार्वजनिक आपत्ति से उठे बवंडर के बावजूद प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह इस्तीफा नहीं देंगे।
उन्होंने साफ कहा कि अध्यादेश लाना पार्टी और सरकार का सामूहिक निर्णय है, इसलिए उनके त्यागपत्र देने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। हालांकि उन्होंने यह कहकर अपनी नाराजगी भी जता दी कि वह ये जानने की कोशिश जरूर करेंगे कि जब वे महत्वपूर्ण विदेश यात्रा पर थे, तब ऐसा क्यों किया गया!
अमेरिका यात्रा से वापसी के दौरान मंगलवार को विशेष विमान में अपने साथ चल रहे पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की टिप्पणी से जुड़े एक सवाल पर कहा कि वे इससे अपसेट नहीं हैं।
इसके बावजूद वे इस पूरे प्रकरण पर अपनी अप्रसन्नता नहीं छिपा सके। राहुल की सार्वजनिक आपत्ति पर उन्होंने स्पष्ट किया कि अध्यादेश लाए जाने पर कांग्रेस पार्टी में उच्च स्तर पर कोर ग्रुप में विचार हुआ था।
मंत्रिपरिषद ने दो बार विचार करने के बाद यह निर्णय लिया था। निर्णय पर पुनर्विचार के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम अधिकारवादी व्यवस्था के तहत नहीं हैं जहां एक व्यक्ति रास्ता तय कर दे। कहीं न कहीं उनका इशारा राहुल के आपत्ति जताने के तरीके पर था, जिसमें उन्होंने अध्यादेश को फाड़कर फेंक देने की बात कही थी।
मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी या कैबिनेट के किसी भी व्यक्ति को अपनी राय रखने का अधिकार है। ऐसे समय में हमें एक साथ बैठकर पूरी स्थिति को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर राहुल गांधी उनसे बुधवार को मिलेंगे। अध्यादेश पर राहुल और कैबिनेट के सहयोगियों से बातचीत में वे पहले हवा का रुख देखेंगे।��� �
सोमवार की सुबह न्यूयार्क से स्वदेश रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री तक पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस भाषण की जानकारी पहुंच गई थी जिसमें उन्होंने मनमोहन के साथ पार्टी की एकजुटता का संदेश दिया था।
इस वजह से फ्रैंकफर्ट में सुकून की नींद लेने के बाद मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना होने के कुछ ही देर बाद वे पत्रकारों के बीच पहुंच गए।
अमेरिका में पांच दिन के प्रवास के दौरान राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत और संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाक पोषित आतंकवाद का मुद्दा उठाने और नवाज शरीफ को खरी खरी सुनाने का संतोष प्रधानमंत्री के चेहरे पर दिख रहा था। लेकिन, विमान में बातचीत के दौरान वे ज्यादातर राहुल की टिप्पणी से जुड़े सवालों पर ही घिरे रहे।
मोदी के खिलाफ एकजुट हों धर्मनिरपेक्ष ताकतें
प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों के एकजुट होने की जरूरत है।�