अपने गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण मामले में जेल की हवा खा रहे कथावाचक आसाराम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मंगलवार को जोधपुर हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने आरोप लगाया कि आसाराम में छोटे बच्चों के यौन शोषण की प्रवृत्ति है। अगर उन्हें जमानत दी गई तो वह कई और नाबालिग बच्चों को अपना शिकार बना सकते हैं।
न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की तमाम दलीलों के बावजूद आसाराम को जमानत देने से इन्कार कर दिया।
गौरतलब है कि आसाराम की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में पहले ही 16 और 18 सितंबर को सुनवाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन राम जेठमलानी के इस मामले में कुछ और दस्तावेज आदि देने के अनुरोध पर थोड़ी मोहलत दी गई थी। उन्होंने कोर्ट में चार दस्तावेज प्रस्तुत किए। इनमें एक छात्रा का उम्र प्रमाण पत्र, दूसरा छात्रा का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होने संबंधी प्रमाण पत्र, तीसरा एक लड़के के साथ उसकी मित्रता और फेसबुक पर सक्रिय रहने से जुड़े दस्तावेज थे। चौथे दस्तावेज में बताया गया था कि छात्रा गुरुकुल नहीं छोड़ना चाहती थी। करीब डेढ़ घंटे चली बहस में छात्रा के वकील मनीष व्यास ने कहा कि ‘आसाराम पीडोफीलिया से ग्रस्त हैं। इसके तहत उम्रदराज लोगों में बच्चों से यौन संबंध बनाने की प्रवृत्ति होती है।’ सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने भी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आसाराम प्रत्येक स्थान पर अराजकता पैदा करते हैं।
उल्लेखनीय है कि आसाराम को गत 31 अगस्त की देर रात उनके इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर दो सितंबर को जेल भेज दिया गया था। आसाराम तभी से जोधपुर जेल में बंद हैं।
आसाराम की शिष्या बताने पर पत्नी को छोड़ा
गाजियाबाद। सुहागरात पर पत्नी द्वारा पति को यह बताना महंगा पड़ गया कि वह आसाराम बापू की शिष्या है। भड़के पति ने उसे छोड़ दिया। तब से दोनों के बीच विवाद चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसे परिवार परामर्श केंद्र में स्थानांतरित कर दिया, जहां दोनों की काउंसलिंग चल रही है। इसी साल मई में नई बस्ती निवासी एक युवती की शादी कविनगर निवासी ट्रेवल एजेंसी संचालक युवक से हुई। शादी के बाद पहले दिन ही पत्नी ने बताया कि उसने आसाराम से दीक्षा ली है। इस पर पति नाराज हो गया। तब से दोनों अलग रह रहे हैं