रेप केस में जेल में बंद आसाराम के अवैध तरीके से बनाए गए आश्रमों पर भी प्रशासन की नजर लगातार बनी हुई है। अब उनके दिल्ली के एक आश्रम पर तलवार लटक गई है।
दिल्ली के करोल बाग में बने आसाराम के आश्रम को अवैध बताते हुए उसे गिराने और इसके ट्रस्टियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का आदेश देने की मांग की गई है।
इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर सहित कई सरकारी एजेंसियों को नोटिस जारी किए हैं।
संजय कुमार की तरफ से ट्रिब्यूनल में दाखिल एक याचिका में आसाराम के दिल्ली आश्रम को अवैध बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि आश्रम की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है और इसकी जानकारी होने पर भी सरकारी एजेंसियों ने सालों तक कोई कार्रवाई नहीं की।
संजय के वकील के मुताबिक आसाराम के आश्रम पर कब्जा हटाने के लिए नोटिस भी लगाया गया था जिसमें ट्रस्ट को 30 दिन के भीतर जमीन खाली करने का आदेश था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
वन संरक्षित क्षेत्र में आश्रम
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के मई 1994 में जारी नोटिफिकेशन में यह क्षेत्र भारतीय वन कानून के तहत वन संरक्षित क्षेत्र घोषित है। वन विभाग काफी समय से जमीन से कब्जा हटाने और इसे रिज कंजर्वेशन को ट्रांसफर करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध भी कर रहा है।
वर्ष 1985 में भी करोलबाग आश्रम को ढहाने के लिए याचिका दाखिल की गई गई थी लेकिन वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने आश्रम को राहत दे दी।
अब ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वन एवं पर्यावरण व शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, वन विभाग, रिज मैनेजमेंट बोर्ड, नगर निगम और आसाराम आश्रम को नोटिस जारी किए। इससे पहले इंदौर में आसाराम का आश्रम भी तोड़ा जा चुका है।