‘आप’ में तंगहाल से लेकर करोड़पति तक
प्रत्याशियों की आमदनी की सटीक तस्वीर तो नामांकन के बाद ही साफ हो पाएगी, मगर आम आदमी पार्टी की ऑनलाइन लिस्ट के मुताबिक तंगहाल प्रत्याशियों के साथ करोड़पति उम्मीदवारों ने भी झाड़ू थाम रखी है। ‘आप’ की कोर टीम की बात की जाए तो पत्नी के साथ अरविंद केजरीवाल की संपत्ति करोड़ से ऊपर पहुंच जाती है। वहीं, मनीष सिसौदिया के नाम पांडव नगर व गाजियाबाद में एक मकान है।
इसके अलावा शाजिया इल्मी पति के नाम साझा फ्लैट की मालकिन हैं और उनकी आजीविका बचत ब्याज और परिवार के सहयोग से चलती है। अपवाद गोपाल राय हैं, जिनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है। लिस्ट में जहां करोड़पति उम्मीदवार हैं, वहीं तंगहाली में ‘आप’ की झाड़ू थामे उम्मीदवार भी हैं।
आप के तंगहाल प्रत्याशी-1
धर्मेंद्र सिंह कोली : सीमापुरी
दसवीं पास धर्मेंद्र सिंह कोली आजीविका के लिए परिजनों पर आश्रित हैं। पिता मजदूरी करके पांच सदस्यों के परिवार की परवरिश करते हैं। खास बात यह कि पहले यहां से इनकी बहन संतोष कोली को टिकट दिया था, लेकिन संतोष की असामयिक मौत के बाद पार्टी ने धर्मेंद्र को टिकट देने का फैसला किया। धर्मेंद्र इससे पहले परिवर्तन संस्था के साथ जुड़े थे।
राजू धिंगान : त्रिलोकपुरी
पार्टी के साथ जुड़ने से पहले फिटनेस ट्रेनिंग देते थे। दसवीं पास राजू ने सीआईएसएफ की नौकरी भी की है। उम्मीदवारी के साथ उन्होंने नौकरी छोड़ दी। आजीविका का इकलौता जरिया पत्नी की कमाई है। एक निजी स्कूल में हेल्पर का काम करने वाली पत्नी की कमाई से चार सदस्यीय परिवार का खर्च चलता है।
आप के तंगहाल प्रत्याशी-2
संजीव झा : बुराड़ी
ग्रेजुएट संजीव संत नगर में किराए के मकान में रहते हैं। कई कंपनियों में काम किया। पिछले साल नौकरी छोड़कर वह पार्टी से जुड़े। अविवाहित संजीव आजीविका के लिए फिलहाल परिजनों और दोस्तों पर निर्भर हैं। इनके नाम कोई निजी संपत्ति नहीं है। बैंक खाते भी खाली हैं। गांव में कुछ पैतृक संपत्ति है।
अखिलेश पति त्रिपाठी : मॉडल टाउन
राजनीति में आने से पहले सिविल सेवा की तैयारी करते थे। साथ ही समाजसेवा का काम भी चल रहा था। पोस्ट ग्रेजुएट अखिलेश अन्ना आंदोलन से ही अरविंद से जुड़े हैं। फिलहाल मॉडल टाउन में वह किराए के मकान में रहते हैं। अविवाहित अखिलेश की परवरिश दोस्तों और पिता की पेंशन से हो रही है। आंदोलन के दौरान अखिलेश ने कई बार गिरफ्तारी दी।
करोड़पति उम्मीदवार-1
गुलाब सिंह यादव : मटियाला
आम आदमी पार्टी के अमीर उम्मीदवारों में गुलाब सिंह हैं। इनकी संपत्ति सात करोड़ रुपये से ऊपर बताई जा रही है। 12वीं पास गुलाब का घुम्मनहेड़ा गांव में कृषि भूमि और पुश्तैनी मकान है। इनकी आमदनी का जरिया कृषि और कारोबार है। स्कूल के समय गुलाब सिंह दिल्ली प्रदेश की जूनियर हॉकी टीम के सदस्य भी हैं। इनकी टीम 1992 में नेहरू कप हॉकी टूनार्मेंट की विजेता रही है।
गजानंद : बवाना
आम आदमी पार्टी के दूसरे करोड़पति उम्मीदवार हैं। इनके पास 8 प्लॉट और तीन कारें हैं। कुल संपत्ति पांच करोड़ से ऊपर है। दसवीं पास गजानंद दस साल तक कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं। इलाके में इनका दूध का कारोबार है।
करोड़पति उम्मीदवार- 2
देशराज राघव : उत्तम राघव
इनकी संपत्ति भी करोड़ों में बताई जा रही है। 12वीं पास देशराज का अपना कारोबार है। इनके पास अपने और अपनी पत्नी के नाम पर दिल्ली में कई प्लॉट और फ्लैट हैं। इसके अलावा एक कार और राजस्थान के गांव में जमीन भी है। कांग्रेस से जुड़े रहे देशराज ने बिंदापुर वार्ड से निर्दलीय पार्षद भी रहे हैं।
देवेंद्र सहरावत : बिजवासन
सेवानिवृत्त कर्नल देवेंद्र सहरावत की आमदनी का जरिया पेंशन और किराएदारी है। इसी वित्तीय वर्ष में देवेंद्र ने करीब 2.50 लाख रुपये बतौर इनकम टैक्स अदा किए हैं। अचल संपत्ति के नाम पर इनके पास एक फ्लैट और खेती की जमीन भी है।
13 उम्मीदवार दूसरा दल छोड़कर आए
पार्टी ने बेशक अन्ना आंदोलन से ही साथ रहे लोगों को तरजीह दी है, लेकिन दूसरी पार्टी छोड़कर आप की झाड़ू थामने वाले नेताओं के नाम भी हैं। इसमें लक्ष्मी नगर से विनोद कुमार बिन्नी, ओखला से इरफान उल्लाह खान, पालम से भावना गौड़, द्वारका से रवि सूर्यान, उत्तम नगर से देशराज राघव, विकासपुरी से महेंद्र यादव, करोल बाग से विशेष रवि, बल्लीमारान से फरहाना अंजुम, मादीपुर से गिरीश सोनी, बवाना से गजानंद समेत करीब 13 नाम हैं।
इनमें कांग्रेस, बीजेपी, जनता दल और राष्ट्रीय लोक दल के नाम शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि बगैर स्थानीय कार्यकर्ताओं की सहमति के बाहरी लोगों को टिकट नहीं मिल सकता। इन मामलों में भी कार्यकर्ता को बाईपास नहीं किया गया है।
गरीब उम्मीदवारों को पार्टी कर रही मदद
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हालांकि सभी उम्मीदवारों से कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर चंदा लेकर चुनाव लड़ें।
अपना पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं। फिर भी, इसकी जांच का कोई ठोस ढांचा पार्टी ने नहीं बनाया है। जिनके पास पैसा नहीं है, पार्टी चुनाव प्रचार का पूरा खर्च उठा रही है। चुनाव लड़ने की तयशुदा सीमा 14 लाख रुपये से ही पार्टी काम चलाएगी।