भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित रैली आतंकियों के निशाने पर आने की आशंका के मद्देनजर पुलिस प्रशासन में हड़कंप रहा।
सुबह से ही जीआईसी ग्राउंड की किलेबंदी कर ली गई। प्रवेश द्वारों पर तैनात पुलिस कर्मियों को मध्य प्रदेश के खंडवा जेल से फरार हुए छहों आतंकियों के फोटो सौंप कर हर आने जाने वाले पर नजर रखी गई। चेहरा देखने के बाद ही लोगों को रैली ग्राउंड में प्रवेश दिया गया।
पिछले दिनों मध्य प्रदेश के खंडवा की जेल से महाराष्ट्र के वेस्ट मुंबई निवासी अबू फैजल उर्फ डाक्टर पुत्र इमरान खां, खंडवा के गणेश तला निवासी मेहबूब उर्फ गुड्डू पुत्र इस्माइल खान, अमजद पुत्र रमजान खान, असलम पुत्र अयूब खान, जाकिर हुसैन उर्फ सादिक पुत्र बदरुल हुसैन व नरसिंहपुर के रेलवे फाटक के पास नरसिंहा वार्ड करेली निवासी एजाजुद्दीन उर्फ एजाज पुत्र मोहम्मद अजीजउद्दीन फरार हो गए थे।
इन आतंकियों के झांसी में आयोजित नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होकर कोई घटना किए जाने की खुफिया विभाग ने आशंका जताई थी। इसके चलते गुरुवार से ही पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया।
खुफिया तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया। सुबह होते ही सभा स्थल की किलेबंदी कर ली गई।� जीआईसी ग्राउंड के बाहर और मेटल डिटेक्टर के द्वारों पर तैनात पुलिस अधिकारी व कर्मियों को फरार आतंकियों के रंगीन फोटो देकर निर्देश दिए गए कि रैली में आने वालों की सघन चेकिंग के साथ-साथ चेहरा भी देखा जाए।
यदि कोई संदिग्ध नजर आए तो तुरंत अपने अधिकारी को अवगत कराया जाए। सीओ सिटी कल्याण सिंह के अनुसार फरार हुए छहों आतंकी एक संगठन के लिए काम करते हैं। झांसी के मध्यप्रदेश से सटे होने की वजह से फरार आतंकियों के रैली में आने की आशंका थी, इस कारण कड़ी सतर्कता बरती गई।