
दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह कह कर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ित युवकों के संपर्क में है।
राहुल के इस बयान की भाजपा, सपा और वाम दलों ने तीखी निंदा की थी। कई मुस्लिम संगठनों की अगुवाई करने वाली संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत (एआईएमएमएम) के मुखिया जफरुल इस्लाम खान ने राहुल पर मुस्लिमों को कटघरे में खड़ा करने और इस समुदाय से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों से भटकने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि एक तरफ देश के गृहमंत्री सभी राज्यों से आतंकवाद के मामले में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार न करने की नसीहत देते हैं तो दूसरी ओर राहुल पूरी बिरादरी पर ही सवालिया निशान लगा रहे हैं।
‘माफी मांगें राहुल’
जमात-ए-इस्लामी हिंद के सचिव इंजीनियर सलीम ने राहुल के बयान को गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि उनके बयान से पूरी बिरादरी ही शक के कटघरे में खड़ी कर दी गई है। उन्होंने इस तरह का बयान देने के लिए राहुल से माफी मांगने की भी मांग की।
नरेंद्र मोदी की भी खिंचाई
सलीम ने नरेंद्र मोदी की भी खिंचाई की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राहुल से माफी की मांग करने वाले मोदी को इससे पहले गुजरात दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती एजाज अरशद कासमी ने भी राहुल के बयान की निंदा की।