अब किराए की फर्जी रसीद से टैक्स बचाना मुश्किल
सरकार किराए की फर्जी रसीद के जरिए होने वाली टैक्स चोरी रोकना चाहती है। अभी तक 15 हजार रुपए महीना से ज्यादा किराए पर ही मकान मालिक का पैन नंबर देना अनिवार्य था, लेकिन अब इसकी सीमा घटा दी गई है।
अब सालाना एक लाख रुपए से ज्यादा किराया होने पर आयकर रिटर्न में मकान मालिक का पैन नंबर देना होगा। इस तरह जो नौकरीपेशा लोग 8,333 रुपये महीना से ज्यादा किराया देते हैं, उनका झंझट बढ़ गया है।
इस साल आयकर विभाग ने रिटर्न से जुड़े कई बदलाव किए हैं। हालिया बदलाव हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) से जुड़ा है। पिछले 10 अक्टूबर को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी सालाना एक लाख रुपए से अधिक किराया देता है तो उसे मकान मालिक के पैन नंबर की जानकारी देनी होगी।
अगर मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है तो उसके नाम, पते के साथ कर्मचारी को एक घोषणा-पत्र देना होगा, लेकिन जिन कर्मचारियों को 3 हजार रुपए से कम एचआरए मिलता है, उन्हें टीडीएस के लिए किराए की रसीद देने की जरूरत नहीं है।