अक्सर प्रेग्नेंसी, बॉडी बिल्डिंग, ज्यादा वजन बढ़ने और कभी-कभार उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्ट्रेच मार्क्स त्वचा की शोभा बिगाड़ देते हैं।
दरअसल, इस दौरान त्वचा का खिंचाव अधिक हो जाता है। इस कारण त्वचा की मिडल लेयर के फाइबर्स टूट हो जाते हैं। ये स्ट्रेच मार्क्स के रूप में नजर आने लगते हैं। अगर समय रहते इसकी केयर की जाए, तो ये निशान आपको कभी परेशान नहीं करेंगे।
जरूरी है सही डाइट
स्ट्रेच मार्क्स होने का एक बड़ा कारण सही डाइट न लेना भी है। ऐसे में अपनी डाइट में जिंक, प्रोटीन, विटामिन ए, सी और ई को शामिल करें।
फैटी एसिड्स भी स्ट्रेच मार्क्स को रोकते हैं इसलिए रोजाना के खाने में फैटी एसिड्स, सूरजमुखी और कद्दू के बीज शामिल करें।
कसरत भी फायदेमंद
स्किन को हाइड्रेट करने के लिए खूब पानी पिएं। इसके साथ एक्सरसाइज भी करें। उठक-बैठक, कार्डियो एक्सरसाइज के अलावा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज स्किन को फ्लेक्सिबल बनाती है, जिससे स्ट्रेच मार्क्स दूर होते हैं।
सर्जिकल उपाय
स्किन अलाइव क्लीनिक्स के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. चिरंजीव छाबड़ा कहते हैं कि सर्जिकल उपाय में डायमंड माइक्रोडर्मेब्रेशन, लेजर ट्रीटमेंट और थर्मेज जैसी आधुनिक तकनीकें हैं, जो स्ट्रेच मार्क्स को हटाती हैं। इसमें डायमंड माइक्रोडर्मेब्रेशन एक ऐसी तकनीक है, जो खिंचाव के निशानों को फैलाव देते हुए हल्का करते हैं।
खिंचाव के निशानों पर पॉलिश की जाती है, जिसमें प्लैटिनम की नोक पर कट और अनकट हीरों को लगाकर पॉलिश की जाती है। लेजर भी खिंचाव के निशान को हल्का करने के लिए अच्छा है। इसमें आपको 4-6 सेशन में उपचार करना होता है।
थर्मेज तकनीक में त्वचा के तनाव और सिकुड़न के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे पेट का थुलथुलापन और चर्बी कम होती है और खिंचाव के निशान भी कम नजर आते हैं।
ये उपाय हैं कारगर
स्ट्रेच मार्क्स पर थोड़ी क्रीम के साथ विटामिन-ई मिलाकर मालिश करें। इससे त्वचा में लचीलापन बढ़ता है और नए टिश्यू बढ़ने लगता है। इसकी जगह एलोवेरा जेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन ये सारे उपाय शुरुआती दौर में ही करें, तो ज्यादा कारगर होगा। इसके अलावा विटामिन ए, ई और बी का सप्लीमेंट लें