पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की खोज में सीआईए की मदद करने वाले डॉक्टर शकील आफ़रीदी पर फिर से मुकदमा चलेगा।
शकील आफरीदी पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था। उन कबीलाई न्यायिक व्यवस्था के तहत जानकारी जुटाने के लिए जाली टीकाकरण अभियान चलाने का मुकदमा चलाया गया था।
शकील आफरीदी को मई 2012 में 33 साल की सजा मिली थी तभी से वो पेशावर सेंट्रल जेल में बंद हैं। ओसामा बिन लादेन अमरीका सेना के हाथों पाकिस्तान के एबटाबाद में मई, 2011 में मारे गए थे।
ओसामा की हत्या के बाद अमरीका और पाकिस्तान के रिश्ते तल्ख हो गए थे। पाकिस्तान का मानना था कि अमरीका की सैनिक कार्रवाई पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन थी।
न्यायिक प्रक्रिया
पाकिस्तान के फ्रंटियर क्राइम रेगुलेशन के एक न्यायिक अधिकारी ने फैसला दिया कि पुराने जज ने शकील आफरीदी के मामले में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सजा दी थी इसलिए उनकी सजा खत्म करके फिर से मुकदमा चलाया जाएगा।
पिछले मुक़दमे की सुनवाई मजिस्ट्रेट स्तर के एक अधिकारी ने की थी। नए आदेश में कहा गया है कि शकील आफरीदी के नए मुकदमे की सुनवाई जज स्तर के अधिकारी करें।
जब तक नया मुकदमा पूरा नहीं हो जाता तब तक डॉक्टर शकील आफ़रीदी जेल में ही रहेंगे। उन पर दोबारा मुकदमा चलाए जाने की कोई तारीख तय नहीं की गई है।
ओसामा बिन लादेन के घर पर अमरीकी कार्रवाई के कुछ दिन बाद डॉक्टर आफरीदी को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि डॉक्टर आफरीदी पर सीआईए के साथ काम करने का आरोप लगा था उन्हें जेल एक चरमपंथी संगठन के साथ मिलकर काम करने के लिए भेजा गया।
संवाददाताओं का कहना है कि उन पर जिस संगठन के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा था वो एक बार उनका अपहरण कर चुका था।
डॉक्टर आफरीदी अपने मुक़दमे के दौरान मौजूद नहीं रहे थे। उन्हें मानक न्यायायिक प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए कमोबेश कबीलाई तरीक़े से बहुत ही कम समय में सजा सुना दी गई थी।
डॉक्टर आफरीदी का कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि सीआईए के निशाने पर ओसामा बिन लादेन थे। अमरीकी अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी और सजा की आलोचना करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की थी।
जिसके जवाब में पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि कोई भी सरकार वही करती जो पाकिस्तान ने किया है।