व्यायाम न सिर्फ शरीर को चुस्ती देता है, बल्कि बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने, दबाव दूर करने, शरीर को लचीला बनाने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाने में भी सहायक है। यह व्यक्तित्व को निखारने में भूमिका निभाता है और स्वस्थ बनाता है।
दौर फ्यूजन का है, लिहाजा फिटनेस क्लासेज और जिम खानों में भी आजकल फ्यूजन वर्क आउट्स का ट्रेंड चल निकला है। सुनने में भले ही थोडा अजीब लगे, लेकिन योग के साथ पिलेटीज मिला दें तो नई एक्सरसाइज तैयार हो जाती है- योगालेटीज। बॉलीवुड डांस और एरोबिक्स को मिक्स कर दें तो चटपटा बॉलीरोबिक्स तैयार हो जाता है। मसाला भांगडा पंजाबी लोकनृत्य और एरोबिक्स का कॉम्बो है।
आइए जानें, इन एक्सरसाइज में वास्तव में क्या होता है और ये क्यों इतनी लोकप्रिय हो रही हैं।
योगालेटीज
यह पूर्व और पश्चिम का मेल है। इसमें पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग होती है। सांस पर नियंत्रण, संतुलन और सही पॉश्चर सिखाया जाता है। इससे शरीर के हर हिस्से का वर्कआउट हो जाता है। योग और पिलेटीज का आपसी तालमेल बेहतर है, क्योंकि दोनों में ही कुछ दिलचस्प क्रियाएं होती हैं और दोनों में सांस को नियंत्रित करना सिखाया जाता है।
बॉलीरोबिक्स
अगर बॉलीवुड के गानों पर थिरक सकते हैं तो वर्कआउट में परेशानी नहीं होगी। इससे एंटरटेनमेंट के साथ-साथ पूरे शरीर का वर्कआउट हो जाता है। स्ट्रेस या डिप्रेशन दूर करने के लिए भी यह परफेक्ट वर्क आउट है। सबसे अच्छी बात यह है कि आजकल स्त्रियां इन प्रयोगों के जरिये स्वस्थ जीवनशैली अपना रही हैं।
मसाला भांगडा
यह भी बॉलीरोबिक्स की तरह है। इसमें भांगडा के साथ एरोबिक्स को मिलाया गया है। दिल्ली व मुंबई के जिमखानों में यह बहुत पॉपुलर हो रहा है। आजकल कई जिम ट्रेनर भांगडा व बॉलीवुड स्टेप्स को लेटिनो-अमेरिकन जुंबा बीट्स के साथ भी मिला रहे हैं। स्मॉल डंबल्स के साथ बीट्स पर डांस भी खासा पॉपुलर हो रहा है।
क्यों है लोकप्रियता
फ्यूजन वर्कआउट में दो या तीन तरह की व्यायाम शैलियों को मिलाया जाता है। इसकी अच्छी बात यह है कि हर शैली से बेहतरीन क्रियाएं इसमें ली जाती हैं। पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। यह परंपरागत व्यायाम या योग की एकरसता को तोडता है। इसमें जबर्दस्त ऊर्जा के साथ मस्ती का माहौल रहता है, क्योंकि इसे कई लोग साथ मिलकर करते हैं। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है। इससे कंधे, बांहें, पैर और पेट को सुडौल बनाने में मदद मिलती है। अगर किसी बीमारी से ग्रस्त हैं या सर्जरी हुई है तो भी इंस्ट्रक्टर की मदद से आसान विकल्प आजमाए जा सकते हैं। यहां एक्सरसाइज के बंधे हुए नियमों के बजाय शरीर और सेहत को रास आने वाली क्रियाएं कराई जाती हैं। फ्यूजन का मकसद है-व्यायाम को मनोरंजक अंदाज में प्रस्तुत करना और हर उम्र के लोगों के बीच पॉपुलर बनाना।
फ्यूजन का प्रभाव
व्यस्त और भागदौड भरी लाइफस्टाइल के लिए फ्यूजन वर्कआउट बेहतर विकल्प है। इसमें एरोबिक्स के साथ ग्लैमर भी जुडा है। ये मूविंग एक्सरसाइजेज हैं, जिनसे कैलरी तो कम होती ही है, शरीर को भीलयबद्धता मिलती है। खासतौर पर पेट और बांहों के आसपास सैल्युलाइट घटाने में मदद मिलती है और बॉडी शेप में आती है। लेकिन वजन कम करने के लिए फ्यूजन का कोई रोल नहीं है। वजन घटाना है तो योग, परंपरागत व्यायाम के साथ सही खानपान ही काम आएगा। योग इस दिशा में महत्वपूर्ण है, जिससे मन और शरीर दोनों का व्यायाम हो जाता है और सही नतीजे भी मिलते हैं।
ध्यान रखें, जोश में आकर पहले दिन से ही इन एक्सरसाइज के लंबे-लंबे सेशन न लेने लगें। इंस्ट्रक्टर की मदद से इन्हें करें और धीरे-धीरे इनका समय बढाएं।
(नीतू चांदना, फिटनेस एक्सपर्ट दिल्ली से बातचीत पर आधारित)